सिरसा। केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लागू न करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसानों के 13 फरवरी को ‘दिल्ली कूच’ को लेकर हरियाणा पुलिस अलर्ट मोड पर है।
सिरसा व सरहद के पंजाब व राजस्थान राज्यों से किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग 9, सिरसा-चंडीगढ़ स्टेट हाई वे सहित विभिन्न संपर्क मार्गों को उखाडऩे के साथ-साथ बड़े पत्थरों व किलें गाड़ देने से इन क्षेत्रों का दिल्ली व चंडीगढ़ से संपर्क टूट गया है। इसके अलावा सिरसा सहित प्रदेश के सात जिलों में इंटरनेट सेवा ठप करने से आम जनमानस परेशान है। सिरसा जिला में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
वहीं शनिवार बाद दोपहर से हरियाणा से चंडीगढ़ व पंजाब जाने वाली राज्य परिवहन व अन्य बसों का आवागमन बंद पड़ा है। रास्ते इस कदर बंद किए गए हैं कि किसी आपात स्थिति में एम्बुलेंस वाहन भी नहीं गुजर पाएगा।
सिरसा चंडीगढ़ स्टेट हाई वे को हरियाणा पंजाब सरहद पर गांव मुसाहिबवाला के पास सड़क को खोदने के साथ-साथ भारी पत्थर लगाकर अवरुद्ध कर दिया गया है। यहां हरियाणा पुलिस व केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती की गई है। पुलिस उपाधीक्षक सुभाष चन्द्र व सिरसा सदर थाना प्रभारी सुखदेव सिंह की अगुवाई में तैनात जवानों ने आवागमन पूर्ण रूप से रोक दिया है।
इसके कारण हरियाणा-पंजाब से सड़क सम्पर्क टूट गया है। इसी तरह सिरसा-डबवाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर गांव खैरेंका के पास सड़क पर किलें गाडऩे के साथ-साथ बड़े पत्थर लगाकर मार्ग को रोक दिया गया है। कमोबेश इसी तरह डबवाली,रोड़ी,कालांवाली के पास पंजाब जाने वाले रास्तों को अवरूद्ध किया गया है।
जिला पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी कर पड़ोसी राज्य राजस्थान व अन्य स्थानों से दिल्ली, पंजाब व चंडीगढ़ जाने वाले वाहनों के सिरसा जिला के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। मार्ग अवरूद्ध होने से राजस्थान से पंजाब व चंडीगढ़ जाने वाले भारी वाहन सड़क किनारे होटल व ढाबों पर खड़े हो गए हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ममता सिंह को सिरसा जिला में कानून और व्यवस्था के लिए विशेष तौर पर तैनात किया गया है। ममता सिंह व सिरसा के पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने हरियाणा-पंजाब की सरहद पर किए गए बंदोबस्त का जायजा लिया। रविवार सुबह से ही अगले तीन दिन के लिए इंटरनेट सेवा ठप्प कर दी गई है। जिला में धारा 144 लगा दी गई है। विभिन्न किसान जथेबंदियो के पदाधिकारियों की गतिविधियों पर प्रशासन व पुलिस की पैनी नजऱ है।
उधर, भारतीय किसान एकता के राष्ट्रीय अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने कहा है कि लाठी और बंदूक से किसान को नहीं दबाया जा सकता। किसान केंद्र सरकार द्वारा मांगी गई मांगों को ही मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान हर हालत में कानून के दायरे में रहकर दिल्ली पहुंचेगा।
रविवार को उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने संयुक्त किसान मोर्चा व किसान मजदूर मोर्चा के दिल्ली कूच के आह्वान के मद्देनजर अधिकारियों की बैठक ली। अधिकारियोंं को निर्देश दिए गए कि वे यह सुनिश्चित करें कि जिला में बिजली, पानी, चिकित्सा, यातायात जैसी अतिआवश्यक सेवाएं किसी भी सूरत में प्रभावित न हो। इसके अलावा कानून व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारी सभी मुख्य स्थानों को चिह्निïत करके अतिरिक्त सुरक्षा के कड़े इंतजाम करें।
उपायुक्त ने कहा कि सभी अधिकारी अपने हैडक्वार्टर पर मौजूद रहेंगे और सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों में नाकों का निरीक्षण करें और आवश्यक इंतजाम पुख्ता करें। इसके अलावा सभी डï्यूटी मजिस्ट्रेट अपनी ड्यूटी के तहत निर्धारित स्थानों का निरीक्षण करे व स्थिति पर कड़ी निगरानी रखें।
वहीं एक अन्य आदेश में पार्थ गुप्ता ने कहा है कि जिला में तुरंत प्रभाव से पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा आग्नेयास्त्र, तलवार, लाठी, डंडा, बरछा, कुल्हाड़ी, जाली, फरसा, गंडासी, भल्ला, रॉड, हॉकी, चेन या कोई अन्य वस्तु जो अपराध के हथियार के रूप में इस्तेमाल की जा सकती है, जिसमें ईंट और पत्थर के टुकड़े आदि शामिल हैं, को लेकर चलने पर पाबंदी रहेगी। आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।