नई दिल्ली। पंजाब पुलिस के राज्य विशेष ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए जर्मनी स्थित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के संचालक प्रभप्रीत सिंह जर्मनी को दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर आतंकवादी भर्ती, धन उपलब्ध कराने और सहायता मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2020 में, एसएसओसी अमृतसर में एक खुफिया सूचना प्राप्त हुई थी कि केजेडएफ आतंकवादी जगदीश सिंह भूरा पंजाब में कुछ हाई-प्रोफाइल लक्ष्यों को निशाना बनाने की योजना बना रहा है और इस कार्य को पूरा करने के लिए, उसने अपने भारत के सहयोगियों को हथियार और वित्तीय सहायता प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस संगठन के चार गुर्गों को गिरफ्तार कर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया और उनके कब्जे से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था। इस संबंध में, पुलिस में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13, 17, 18, 18-बी और 20 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत 19 दिसंबर 2020 को स्टेशन स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल, अमृतसर में एक मामला दर्ज किया गया था।
यादव ने कहा कि जांच के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया कि वे वांछित आतंकवादी जगदीश सिंह भूरा और उसके करीबी प्रभप्रीत सिंह के निर्देश पर काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने यह भी खुलासा किया है कि वे हाई प्रोफाइल लक्ष्यों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे।
उन्होंने कहा कि चूंकि प्रभप्रीत सिंह जर्मनी में रह रहा था, इसलिए पंजाब पुलिस ने उसे इस मामले में नामांकित करने के बाद, उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन, नई दिल्ली के माध्यम से उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी करवाया।
उन्होंने कहा कि बुधवार को, दिल्ली आईजीआई हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने हमें प्रभप्रीत सिंह की हिरासत के बारे में सूचित किया। इसके बाद, एसएसओसी अमृतसर की एक टीम दिल्ली पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
अतिरिक्त महानिरीक्षक एसएसओसी, अमृतसर सुखमिंदर सिंह मान ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी प्रभप्रीत 2017 में वैध वीजा पर पोलैंड गया था, और 2020 में सड़क मार्ग से जर्मनी चला गया। जर्मनी में स्थायी निवास प्राप्त करने के लिए, उसने राजनीतिक शरण के लिये आवेदन किया था।
मान ने कहा कि जर्मनी में रहने के दौरान, आरोपी बेल्जियम स्थित केजेडएफ आतंकवादी जगदीश सिंह भूरा के संपर्क में आया और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गया, जबकि आरोपी ने लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के लिए अपने भारतीय सहयोगी को धन और हथियारों की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि प्रभप्रीत सिंह के पूरे नेटवर्क और वह जिस मॉड्यूल के लिए काम कर रहा है, उसका पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। इस बीच, पुलिस टीमों ने प्रभप्रीत सिंह को अदालत में पेश करने के बाद 15 अप्रैल 2024 तक उसको रिमांड पर लिया है।