जोधपुूर/चण्डीगढ़। पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने सोमवार को बताया कि एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) पंजाब ने एसएएस नगर पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में सुभाष उर्फ सोहू की सनसनीखेज दिनदहाड़े हत्या का पर्दाफाश किया है, जिसकी इस साल आठ अक्टूबर को राजस्थान के जोधपुर के संगरिया में दो अज्ञात व्यक्तियों ने सिर में पांच बार बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी थी।
यादव ने कहा कि यह खुलासा राजस्थान के तीन हथियार आपूर्तिकर्ताओं भानु सिसोदिया, मोहम्मद आसिफ और अनिल कुमार की गिरफ्तारी में की गई कड़ी जांच और लगातार की गई कार्रवाई के बाद हुआ है, जिनकी पहचान राजस्थान के बालोतरा जिले के निवासी के रूप में हुई है।
हथियार आपूर्तिकर्ताओं को शुक्रवार को एजीटीएफ और एसएएस नगर पुलिस की टीमों ने आरोपी नवजोत सिंह उर्फ जोटा के साथ गिरफ्तार किया, जब वे डेरा बस्सी में दो पिस्तौल और आठ कारतूसों से भरी हथियार खेप की डिलीवरी करने की कोशिश कर रहे थे। आरोपी नवजोत उर्फ जोटा विदेशी हैंडलर पवितर यूएसए और मनजिंदर फ्रांस का मुख्य गुर्गा है और उस पर जघन्य अपराधों के 21 से अधिक मामले दर्ज हैं।
यादव ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी चार आरोपी फिलहाल पुलिस स्टेशन डेराबस्सी में पुलिस रिमांड पर हैं और जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मास्टरमाइंड भानु सिसोदिया ने फरवरी 2024 में अपने सहयोगी अनिल लेगा की हत्या का बदला लेने के लिए हत्या की योजना बनाने की बात कबूल की है।
उन्होंने कहा कि आरोपी मोहम्मद आसिफ और अनिल कुमार ने अपराध को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई। डीजीपी ने कहा कि इस मामले में आगे की जांच जारी है तथा आने वाले दिनों में और खुलासे होने की उम्मीद है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक पारीक ने प्रारंभिक जांच के बारे में अधिक जानकारी साझा करते हुए कहा कि राजस्थान के तीन आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने नवजोत सिंह जोटा से अपराध में इस्तेमाल किए गएहथियारों के बदले में एक लाख रुपए या पंजाब में उनके लिए सुरक्षित ठिकाने का सौदा किया था। उन्होंने कहा कि ये हथियार उन्होंने मध्य प्रदेश से खरीदे थे।
उन्होंने कहा कि इस हत्या को अंजाम देने में कुछ और लोगों की भूमिका सामने आ रही है तथा इस मामले में शामिल शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए राजस्थान पुलिस के साथ समन्वय किया जा रहा है।