गुवाहाटी। असम में दुग्ध क्रांति के नायकों को सम्मानित करते हुए राज्य सरकार ने 9 मार्च को असम गौरव पुरस्कार के लिए भारत कलिता का नाम घोषित किया। भारत कलिता, जो बजाली के नित्यानंद में स्थित कामधेनु दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति के अध्यक्ष हैं, लंबे समय से डेयरी क्षेत्र को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
इस समिति का संचालन पश्चिम असम दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड (वामुल) के अंतर्गत होता है, जो पुरबी डेयरी ब्रांड के नाम से जानी जाती है। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिश्व शर्मा ने रविवार शाम को एक प्रेस वार्ता में पुरबी डेयरी के योगदान को असम की दुग्ध क्रांति का अहम आधार बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजाली के किसानों ने असम की दुग्ध क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योगदान को सम्मानित करने के लिए हम भारत कलिता को असम गौरव पुरस्कार प्रदान कर रहे हैं। बजाली के लोग पहले से ही उन्हें असम के (वर्गीज़) कुरियन के रूप में पहचानते हैं।
गौरतलब है कि वामुल के तहत कामधेनु दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति को पिछले वर्ष राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2024 के विशेष पूर्वोत्तर श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ दुग्ध सहकारी समिति के रूप में सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया गया था।
नित्यानंद स्थित यह समिति 1 अगस्त 2007 को केवल 70 लीटर दूध के संग्रहण से शुरू हुई थी। आज यह समिति पुरबी डेयरी को 4,500 से 7,000 लीटर दूध की आपूर्ति कर रही है। इस सम्मान पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए भारत कलिता, जो वामुल की प्रबंधन समिति के सदस्य भी हैं ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करना मेरे लिए गर्व की बात है।
यह सब पुरबी डेयरी और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के मार्गदर्शन में संभव हुआ है। असम की दुग्ध क्रांति को आगे बढ़ाने में किसानों की अहम भूमिका रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि पुरबी ब्रांड के तहत शुरू हुई यह दुग्ध क्रांति और भी ऊंचाइयों तक पहुंचेगी।
एनडीडीबी के अध्यक्ष और वामुल प्रबंधन समिति के चेयरमैन डॉ. मीनश शाह ने इस उपलब्धि के लिए भारत कलिता को अपनी शुभकामनाएं दीं। वामुल के प्रबंध निर्देशक समीर कुमार परिदा ने भी कलिता की सराहना करते हुए कहा कि भारत कलिता की मेहनत और नेतृत्व ने बजाली के दुग्ध क्षेत्र को पूरी तरह बदल दिया है। उन्होंने न केवल दुग्ध उत्पादन बढ़ाया है बल्कि हजारों किसानों को सशक्त भी किया है। उनके प्रयासों ने डेयरी उद्योग को स्थायी विकास की दिशा में आगे बढ़ाया है।
एनईडीएफएल के प्रबंध निर्देशक सत्य ब्रत बोस ने भी अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैंने वर्षों से भारत कलिता की दुग्ध क्षेत्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को करीब से देखा है। उनके परिश्रम और दूरदृष्टि ने असम में सहकारी दुग्ध उत्पादकों को एक नई दिशा दी है और कई लोगों को प्रेरित किया है।
उन्होंने पुरबी डेयरी की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिश्व शर्मा और राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने सहकारी डेयरी प्रणाली को बढ़ावा दिया और किसानों की मेहनत को पहचान दी। पुरबी डेयरी असम की दुग्ध क्रांति में अग्रणी भूमिका निभा रही है। भारत कलिता जैसे समर्पित किसान-नेताओं के प्रयासों से यह सहकारी संगठन न केवल हजारों किसानों को आर्थिक स्थिरता प्रदान कर रहा है बल्कि असम के घर-घर में एक विश्वसनीय डेयरी ब्रांड के रूप में स्थापित हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के दृष्टिकोण के अनुरूप, पुरबी डेयरी निरंतर विकास और स्थिरता की दिशा में कार्य कर रही है।