अजमेर। समीपवर्ती सोमपुर गांव में आबादी भूमि का गैर मुमकिन में अंकन कर उसे स्कूल की बताने से उपजे विवाद ने अब विकराल रूप ले लिया है। शुक्रवार को पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत सोमलपुर के ग्रामीणों के साथ अजमेर कलेक्ट्रेट पहुंचे तथा अतिरिक्त जिला कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें यथास्थिति से अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि सोमलपुर के खसरा संख्या 2382 में 100 वर्षों से आबादी बसी हुई है। इस खसरे में रावत समाज के लोग पक्के मकान बनाकर पीढ़ियों से रहते आ रहे हैं। उक्त खसरे का अंकन त्रुटिवश गैर मुमकिन स्कूल मैदान के नाम पर कर दिया गया है। जबकि स्कूल का खेल मैदान अन्यत्र दूसरे खसरा नम्बर 621 पर बना हुआ है।
स्कूल का खेल मैदान सरकारी मद में बड़ी राशि खर्च कर विकसित किया गया है, जो आज भी स्कूल के खेल मैदान के काम आ रहा है। खसरा संख्या 2382 में कई दशकों से गहन आबादी बसी हुई है। जिसमे कुछ लोगो के पास ग्राम पंचायत के पट्टे भी हैं। गांव के कुछ भूमाफिया शिकायतें कर भोले भाले ग्रामीणों को परेशान कर रहे हैं।
उक्त खसरे में बसे ज्यादातर मकान रावत समाज के लोगों के हैं। इन लोगों के पास इन मकानों के अलावा रहने के लिए और कोई अन्य जगह नहीं है। इस कारण उक्त आबादी में बसे लोगों में ही नहीं सम्पूर्ण अजमेर जिले के रावत समाज में गहरा आक्रोश है। राजनीतिक दबाव में ग्राम पंचायत व प्रशासन ग्रामीणों पर नाजायज दबाव बनाकर तुष्टीकरण व भेदभाव की नीति अपनाते हुए उक्त क्षेत्र मे बसे लोगो के साथ अन्याय करने पर उतारू हैं।
विधायक सुरेश रावत ने प्रशासन को चेताया कि यदि उक्त खसरा संख्या 2382 को गैर मुमकिन स्कूल मैदान का अंकन निरस्त कर आबादी में दर्ज नहीं कर उक्त खसरे में बसे लोगों को जबरन हटाया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्रशासन की तानाशाही नहीं सही जाएगी।
ज्ञापन देने वालों में पुष्कर विधायक रावत के साथ मदन सिंह, अशोक सिंह, शैतान सिंह, करण सिंह, विक्रम सिंह, प्रकाश सिंह सहित बड़ी संख्या में महिलाएं एवं पुरुष उपस्थित थे। ग्रामीणों ने प्रशासन की जबरन की जा रही कार्यवाही को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया। विधायक रावत के विरोध प्रदर्शन के फलस्वरुप एडीएम ने तहसीलदार और पटवारी को जन विरोधी कार्रवाई नहीं करने हेतु पाबंद किया।