कोलकाता। दक्षिण अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक ने पूर्व घोषणा के अनुसार एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ले लिया है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गएविश्वकप के दूसरे सेमीफाइनल में मिली हार के बाद डीकॉक ने संन्यास लिया है, उन्होंने इसकी घोषणा पहले ही कर दी थी कि भारत में इस प्रारुप में उनके अभियान का आखिरी प्रदर्शन होगा।
आईसीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे टूर्नामेंट में शानदार व्यक्तिगत प्रयास के बाद डीकॉक का एकदिवसीय करियर सेमीफाइनल चरण में समाप्त हुआ।
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेम्बा बावुमा ने ऑस्ट्रेलिया से सेमीफाइनल में हार के बाद डी कॉक के बारे में कहा कि वह चीजों को एक अलग तरीके से समाप्त करना चाहते होंगे, लेकिन एक टीम के रूप में हमने जिस तरह की पारी और लड़ाई दिखाई थी, उसे वह याद रखेंगे।
उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के रूप में हमने सभी वर्षों में उनके साथ खेलने का आनंद लिया है।बावुमा ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में वह खेल के दिग्गजों में से एक के रूप में जाने जाएंगे।
डीकॉक ने इस टूर्नामेंट की दस पारियों में 59.40 की औसत से 594 रन बनाए, जिसमें केवल विराट कोहली ने डी कॉक से अधिक रन बनाए। टूर्नामेंट के आंकड़े दर्शाते है कि डी कॉक ने अपने एकदिवसीय करियर को बेहद प्रभावशाली आंकड़ों के साथ समाप्त किया।
डीकॉक ने अपने 155 एकदिवसीय मैचों में बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 45.74 की औसत और 96.64 की स्ट्राइक रेट से 6770 रन बनाए जिसमें 21 शतक भी शामिल है। हालांकि डीकॉक का दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट में करियर अभी समापत नहीं हुआ है, क्योंकि 2024 में टी-20 विश्व कप नज़दीक है।
पहले से ही छोटे प्रारूप में दक्षिण अफ्रीका के रिकॉर्ड स्कोरर, 79 पारियों में 32.52 और 137.33 के औसत से 2277 रन के साथ, डी कॉक के पास अभी भी यह महत्वपूर्ण क्षण हो सकता है कि अंतरराष्ट्रीय खेल में सबसे प्रभावशाली बल्लेबाजों में से एक के रूप में उनका करियर कायम है।