मथुरा। राधा अष्टमी के अवसर पर राधारानी की क्रीड़ास्थली बरसाना आज राधे राधे के प्रतिध्वनि से उस समय गूंज उठा जबकि एक हेलीकाॅप्टर से लाडली मन्दिर की सफेद छतरी में सिंहासन पर विराजमान राधारानी के ऊपर से फूलों की वर्षा होने लगी।
इस अनूठे दृश्य को देखकर भक्त नृत्य कर उठे तथा एक दूसरे को बधाई देने लगे। गोस्वामी समाज के कुछ लोगों के नेत्र तो भावपूर्ण भक्ति में सजल हो गए। इसके बाद गाजे बाजे और शंख ध्वनि के बीच राधा रानी का डोला मन्दिर के गर्भगृह की ओर रवाना हुआ तथा जैसे ही डोला मन्दिर के जगमोहन के नजदीक पहुंचा राधा रानी की आरती (विशेष आरती जो पुजारी की कन्या द्वारा वर्ष में तीन बार की जाती है) की गई तथा राधारानी को गर्भगृह में विराजमान किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डे ने बताया कि राधा रानी की कृपा से आज कहीं पर कोई अप्रिय घटना नहीं घटी जब कि देश के विभिन्न भागों से आए लाखों लोगों ने बिना किसी खास असुविधा के राधा रानी के दर्शन कर स्वयं को धन्य किया।
मन्दिर के सेवायत आचार्य रासबिहारी गोस्वामी ने बताया कि इससे पहले आज ब्रह्म मुहूर्त में पहले राधा रानी की मूल शांति हुई तथा इसके बाद 51 कुंतल दूध, दही, घी, बूरा, खंडसारी तथा 11 प्रकार की औषधियों के मिश्रण से राधा रानी का अभिषेक वैदिक मंत्रों के मध्य किया गया और राधारानी को पोशाक धारण कराकर बेशकीमती 31 लाख के आभूषण धारण कराए गए।
इसके बाद आरती हुई तथा लाखों लोगों ने बारी बारी से ब्रज की राजेश्वरी के दर्शन व पूजन कर स्वयं को धन्य किया। लाखों श्रद्धालुओं ने आज उस गहवरवन की परिक्रमा भी की जिसे राधारानी की क्रीड़ास्थली माना जाता है। वृन्दावन के राधाबल्लभ मन्दिर में आज मन्दिर के गोस्वामियों का बिजली की फुर्ती की तरह दधिकाना हुआ जिसमें गोस्वामी समाज एक गोले में एक प्रकार का नृत्य करते हुए ’राधा प्यारी ने जन्म लियो है कुंवर किशोरी ने जन्म लियो है’ का गायन कर रहा था।
मन्दिर के तिलकायत मोहित मराल गोस्वामी ने बताया कि जिस समय गोस्वामी समाज का दधिकाना हो रहा था उनके ऊपर हल्दी मिश्रित दही की अनवरत वर्षा मन्दिर के जगमोहन से हो रही थी। लगभग आधे घंटे के बाद राधारानी के जयकारों से मन्दिर का प्रांगण गूंज उठा और दधिकाना समाप्त हुआ।आज ही राधा रानी की जन्मस्थली रावल के राधारानी मन्दिर में हजारों श्रद्धालुओं ने सुबह अभिषेक के दर्शन एवं प्रसाद ग्रहण कर स्वयं को धन्य किया।
आज इस मन्दिर के सामने मेला लगा हुआ था। आज ही द्वारकाधीश मन्दिर, श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित केशव देव मन्दिर, प्राचीन केशवदेव मन्दिर समेत ब्रज के अन्य मन्दिरों में राधा रानी का अभिषेक कर भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया और कुछ मन्दिरों में कीर्तन का भी आयोजन किया गया। कुल मिलाकर आज ब्रज का कोना कोना राधा भक्ति के प्रवाह से राधामय हो गया है।