लंदन। ब्रिटेन के ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट ने जानेमाने पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान के हाल के मारपीट के वीडियो वायरल होने के संदर्भ में कहा है कि दुर्व्यवहार के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए मामले की शीघ्र ही जांच का आदेश दिया जाएगा।
समाचार पत्र डेली मेल ने कहा कि पाकिस्तानी गायक घरेलू हिंसा विरोधी ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट के राजदूत है। उनका एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह बैंड के एक सदस्य को थप्पड़ मारते और पीटते हुए दिख रहे हैं।
किंग चार्ल्स तृतीय द्वारा स्थापित हिंसा विरोधी ट्रस्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक बयान जारी करके कहा कि हम दुर्व्यवहार के सभी आरोपों को गंभीरता से लेते हैं और हम इसकी तत्काल जांच करेंगे।
विडियों में गायक को एक व्यक्ति पर थप्पड़, लात और जूते से हमला करते हुए देखा गया है, जबकि व्यक्ति ने उनसे ऐसा नहीं करने की विनती कर रहा है। यह हमला पिछले साल टेक्सास के ह्यूस्टन में हुआ था।
मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए गायक ने शनिवार रात इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी और सफाई दी कि मामला वास्तव में वैसा नहीं था जैसा कि वीडियो में दिखाया गया है। इस बीच, उस व्यक्ति, जिसकी वीडियो में पिटाई हाे रही है, और जो गायक का छात्र बताया जा रहा है, ने कहा कि वायरल वीडियो में उल्लिखित बोतल में आध्यात्मिक नेता द्वारा दिया गया जल था जो उससे खो गया था।
मारपीट विवाद पर गायक के तथाकथित छात्र ने कहा कि वह मेरे पिता जैसे हैं, मेरे शिक्षक हैं। परमेश्वर जानता है कि वह हमसे कितना प्यार करते हैं। जिसने भी ऐसा किया है, वह मेरे शिक्षक को बदनाम करने के लिए उन्हें ब्लैकमेल कर रहा है।
राहत फतेह अली खान ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर जारी एक वीडियो में कहा कि वायर वीडियो एक शिक्षक और एक छात्र का आंतरिक मामला है। काम अच्छा होने पर हम अपने छात्र से प्यार करते हैं, साथ ही गलती करने पर उसे दंडित भी करते हैं।
गायक ने छात्र का नाम नवीद हुसनैन बताया और कहा कि वह पानी की एक बोतल भूल गया था जो मेरे पीर (आध्यात्मिक गुरु) ने दी थी और मैंने उसी समय अपने छात्र से माफी भी मांगी थी।
एक अलग वीडियो में हुसनैन ने कहा कि गायक और उनके बीच जो कुछ भी हुआ, उसके लिए उससे खान ने माफी भी मांगी है और वह अब शर्मिंदा हैं। राहत मेरे शिक्षक हैं और मेरे साथ जो चाहें कर सकते हैं। खान ने ट्रस्ट के राजदूत के रूप में किंग चार्ल्स से भी मुलाकात की है। इसकी स्थापना वर्ष 2007 में गरीबी से निपटने और सामुदायिक संबंध बनाने के लिए की गई थी।