नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भगवान शिव, गुरु नानक, महावीर स्वामी की तस्वीर दिखाते हुए सोमवार को कहा कि इन तस्वीरों में सभी आराध्य ‘अभय मुद्रा’ में हैं जो निर्भय होने का संदेश देती हैं, लेकिन अध्यक्ष ओम बिरला ने इसे नियम विरुद्ध बताया और कहा कि सदन में इस तरह से तस्वीरों का प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है।
गांधी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि भारत अहिंसा का देश है और डर के लिए यहां कोई जगह नहीं है। ये डर का देश नहीं है। भगवान शिव कहते हैं- डरो मत, डराओ मत। वे अहिंसा की बात करते हैं और भाजपा के जो सदस्य अपने आप को हिन्दू कहते हैं, वे हर समय हिंसा और नफरत की बात करते हैं। आप हिन्दू हैं ही नहीं।
उन्होंने कहा कि हर धर्म में कहा गया है- डरो मत! गुरु नानक जी, जीसस क्राइस्ट, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर.. सभी की तस्वीर में आपको अभय मुद्रा नजर आएगी। वे सभी कहते हैं- डरो मत और डराओ मत। सत्य, निर्भयता और अहिंसा के साथ रहना। इन मूल्यों को आत्मसात करना और डर पर काबू पाना ही पर्याप्त नहीं है, दूसरों को निडर और अहिंसक बनने के लिए सशक्त बनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अभय मुद्रा भगवान शिव से दुनिया के लिए इन दो विचारों का प्रतीक है।
नेता प्रतिपक्ष ने जब भगवान शिव की तस्वीर सदन में दिखाई तो सत्ता पक्ष ने इस पर एतराज जताया। अध्यक्ष बिरला ने भी नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि सदन में इस तरह से तस्वीर नहीं दिखाई जा सकती है। इस पर राहुल गांधी ने सवाल किया कि क्या सदन में भगवान शिव की तस्वीर दिखाना मना है।
मोदी ने डर फैलाया, कांग्रेस के पास है अभय मुद्रा: राहुल गांधी