जयपुर। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कांग्रेस का महात्मा गांधी और उनके सिद्धांतों से दूर-दूर तक कोई सरोकार नहीं बताते हुए आरोप लगाया है कि इसने केवल गांधी नाम का इस्तेमाल अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए किया है और इसके नेता राहुल गांधी का भारत से कोई लगाव नहीं हैं।
दिलावर ने शनिवार को सेंट्रल पार्क स्थित गांधी वाटिका का दौरा कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के अवसर पर मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि गांधीजी के बताए सत्य, अहिंसा और सच्चाई के रास्ते पर चलने की बजाए कांग्रेस के लोग केवल उनके नाम का ढिंढोरा पीट रहे हैं और वर्तमान में कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे लोग गांधी उपनाम का इस्तेमाल कर जनता को भ्रमित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक बड़े परिवार ने गांधी सरनेम जोड़कर राजनीतिक लाभ लिया जो कि महात्मा गांधी के सिद्धांतों का सबसे बड़ा हत्यारा है। सबसे रईस जीवन जीने वाले कांग्रेस के इस परिवार ने नागरिक अधिकारों के हनन की सबसे बड़ी त्रासदी के रूप में आपातकाल इस देश को दिया। इन्होंने गांधीजी के अहिंसा, प्रेस की स्वतंत्रता, गौ रक्षा, राम राज का मख़ौल बनाकर रख दिया था।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष दुर्भाग्यवश एक विदेशी महिला के पेट से जन्मे बालक हैं और यही वजह है कि उन्हें भारत से कोई लेना देना नहीं है। इसलिए वह कहते हैं कि भारतवासी मंदिर जाते हैं तो लड़कियां छेड़ने जाते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि भगवान राम से कोई लेना देना नहीं है, ऐसे में उनका भारत से क्या लगाव होगा।
दिलावर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की स्थापना ही विदेशियों ने की थी। यही कारण है कि विदेशियों के भाव विदेशियों की श्रद्धा हमेशा कांग्रेस में कूट-कूटकर भरी रही है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में गांधी वाटिका के निर्माण में भी भ्रष्टाचार हुआ और घटिया दर्जे का कोटा स्टोन लगाया गया।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गांधीवादी होने का और गांधी परिवार के निष्ठावान होने का सिर्फ राजनीतिक इस्तेमाल करते हैं। राजस्थान की कांग्रेस स्वयं गांधी परिवार की कितनी इज्जत करती है इसका उदाहरण गत कार्यकाल में जगजाहिर हो चुका है। दिलावर ने कहा कि गांधी परिवार ने राजस्थान में जब अशोक गहलोत को हटाना चाहा, तब स्वयं गहलोत ने ही निर्णय मानने से इंकार करते हुए गांधी परिवार को अपनी असलियत दिखा दी थी।
उन्होंने कहा कि देश में भारतीय जनता पार्टी की सभी सरकारें महात्मा गांधी के पांच सिद्धांतों शिक्षा का भारतीयकरण, स्वदेशी को बढ़ावा, ग्राम स्वराज्य की दिशा में कदम, कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन और अंत्योदय पर गम्भीरता से काम कर रही है, लेकिन यह अचरज की बात है कि तथाकथित गांधीवादी पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने सेंट्रल पार्क में बनाई गयी गांधी वाटिका में गांधीजी के इन सिद्धांतों में से एक को भी नहीं दर्शाया है।
उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपए व्यय कर सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह आदि की सामग्री छिपाकर, बलख मियां जैसी काल्पनिक स्टोरी तथा कांग्रेस के विदेशी संस्थापक एओ ह्यूम को प्राथमिकता दी गई है। साथ ही राष्ट्र के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले वीर सावरकर और पंडित मदनमोहन मालवीय का नकारात्मक चित्रण किया गया है। यह सब नितांत ही दलगत एवं मिथ्या तथ्यों के प्रसार का प्रकल्प मात्र बनकर रह गया है।
दिलावर ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा गांधी दर्शन म्यूजियम (गांधी वाटिका) का बेहतर संचालन किया जाएगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि गांधीजी के जीवन की पूरी और सही जानकारी आमजन को मिल सके और लोग उसे अपने जीवन में आत्मसात कर गांधीजी द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चल सकें।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर गांधी जी के मूल्यों, सिद्धांतों एवं संघर्ष को प्रदर्शित करने वाले गांधी दर्शन म्यूजियम (गांधी वाटिका) का संचालन दो अक्टूबर से किया जाएगा।