कोटा। राजस्थान में आगामी 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा आम चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी के बाद अब कांग्रेस की ओर से घोषित किए गए प्रत्याशियों का विरोध का सिलसिला शुरू हो गया है।
कोटा जिले में विरोध सांगोद विधानसभा सीट पर मौजूदा विधायक भरत सिंह कुंदनपुर कांग्रेस की ओर से घोषित किए गए प्रत्याशी भानु प्रताप सिंह के खिलाफ खड़े हो गए हैं जबकि झालावाड़ जिले में मनोहरथाना एवं खानपुर विधानसभा सीट पर घोषित किए गए कांग्रेस के प्रत्याशियों का विरोध किया जा रहा है जहां भाजपा के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद से ही स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता पार्टी प्रत्याशियों का विरोध कर रहे हैं। विरोध के स्वर दोनों ही पार्टियों के घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ उठ रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में सांगोद विधानसभा सीट से विधायक सिंह ने इस विधानसभा सीट पर इस बार देहात कांग्रेस अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह को पार्टी का प्रत्याशी बनाए जाने पर कड़ा एतराज प्रकट करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक काजी निजामुद्दीन की भूमिका पर भी संदेह व्यक्त किया है।
सिंह ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को भेजे एक पत्र में भानु प्रताप सिंह की सांगोद विधानसभा सीट से उम्मीदवारी पर एतराज जताते हुए कहा कि वह तो इस विधानसभा क्षेत्र के मतदाता भी नहीं है। वह मूल रूप से कोटा जिले की पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं तो उचित यह होता है कि पीपल्दा से ही उन्हें पार्टी प्रत्याशी बनाया जाता।
सांगोद से टिकट देना यहां के कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सरासर अपमान है क्योंकि पिछले 10 सालों से कांग्रेस पार्टी ने सांगोद विधानसभा क्षेत्र असंख्य कार्यक्रम आयोजित किए हैं लेकिन उनमें से एक भी कार्यक्रम में भानु प्रताप सिंह ने कभी भी भाग नहीं लिया। सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से इस मामले में श्निरी जामुद्दीन की भूमिका संदिग्ध है इसलिए उन्होंने रंधावा से प्रदेश प्रभारी होने के नाते यह अनुरोध किया है कि पार्टी अपनी भूल सुधार करें।
झालावाड़ जिले में भी मनोहरथाना एवं खानपुर विधानसभा सीटों से घोषित कांग्रेसी प्रत्याशियों के नामों का पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है और बुधवार को प्रत्याशियों के खिलाफ जुलूस निकालकर प्रदर्शन किए गए। मनोहरथाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी नेमी चंद मीणा को टिकट देने का भारी विरोध हो रहा है।
उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध पूर्व में यहां से विधायक रह चुके कैलाश चंद मीणा के समर्थक कर रहे हैं जिनका कहना है कि पार्टी टिकट के असली हकदार कैलाश चंद मीणा है और अब उनका हक मार कर नेमी चंद को टिकट दिया गया है जो गलत है इसलिए वो विरोध जता रहे हैं।