जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने कहा है कि भाजपा राम और काम में भेद नहीं करती, क्योंकि राम भी पिछड़ों वंचितों के हितैषी थे और भाजपा भी अत्योंदय की धारणा से समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति के उत्थान के लिए काम कर रही है।
पात्रा सोमवार को यहां भाजपा प्रदेश मीडिया सेंटर पर प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर महिला उत्पीड़न बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं, पेपर लीक और तुष्टीकरण की घटनाओं को लेकर प्रहार करते हुए कहा कि जो लोग राम को काल्पनिक बताते हैं, राम जन्म का प्रमाण पत्र मांगते हैं उन्हे बताना चाहूंगा कि आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी और हिंदु आस्था का सबसे बड़ा पर्व मनाया जाएगा।
उन्होंने राजस्थान चुनाव में महिला सुरक्षा और स्वाभिमान को गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि क्योंकि वीरों और बलिदानियों वाला राजस्थान आज देश में दुष्कर्म के मामलों में नंबर एक पर आ गया। प्रदेश में पिछले पांच सालों में महिला उत्पीड़न के दो लाख मामले दर्ज हुए हैं वहीं दुष्कर्म के 35 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं जिसमें से 15 हजार दुष्कर्म के मामले नाबालिगों के साथ हुए हैं। बीती रात नागौर के लाडनू में एक 15 वर्षीय नाबालिग के साथ गैंगरेप हुआ, लेकिन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई। पुलिस ने आरोपियों की जो कार पकड़ी है उसके पीछे कांग्रेस प्रत्याशी का स्टीकर लगा हुआ है। प्रदेश में बेटियों को भट्टियों में डाला जाता है, कहीं तेजाब डालकर जलाया जाता है।
डॉ. पात्रा ने कहा कि भारतवर्ष में राजस्थान की पहचान पहले पर्यटन और शौर्य के लिए होती थी लेकिन पिछले पांच सालों में युवाओं के साथ नौकरी के नाम पर छलावा किया गया और हर भर्ती का पेपर लीक हुआ। प्रदेश में 19 बार पेपर लीक हुआ और देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब चलती बस में पेपर सॉल्व कराए गए। इस मामले का आरोपी बोर्ड का चेयरमैन अभी भी फरार चल रहा है।
प्रदेश के युवाओं से पेपर फीस के नाम पर 400 करोड़ रूपए वसूले गए और 70 लाख युवाओं का भविष्य चौपट कर दिया। भाजपा ने अपने मैनिफेस्टो में युवाओं से वादा किया है कि सत्ता में आते ही पेपर लीक के आरोपियों के खिलाफ एसआईटी गठित करेगी और आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजने का काम करेगी। वहीं महिला सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश की तरह एंटी रोमियो स्कवॉयड का गठन करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा हिंदुओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया है और तुष्टिकरण की नीति अपनाई है। आज जब चुनाव हैं तो प्रियंका गांधी यज्ञ करती हैं, ये वही लोग हैं जो राम के अस्तित्व को मानने से भी मना करते थे। प्रियंका गांधी कहती हैं कि उन्हे उनकी दादी ने गायत्री मंत्र सिखाया है, यदि उन्हें सिखाया है तो सोनिया गांधी को भी सिखाया होगा लेकिन सोनिया गांधी के उस कृत्य को देश कभी नहीं भूल सकता जब उनके कहने पर कोर्ट में राम को काल्पनिक बताकर शपथ-पत्र दिया गया था।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान ने बौद्ध की धरती से मौन रहकर युद्ध लड़ा है और 500 वर्षों बाद रामलला स्थापना का समय आया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में असंभव को संभव करके दिखाया है। कांग्रेस के लोग राम के नाम पर हिंदुओं की अग्निपरीक्षा लेते हैं जबकि प्रियंका गांधी को यह तक नहीं पता कि प्रभु श्रीराम को 13 वर्ष का नहीं 14 वर्ष का वनवास हुआ था।
प्रदेश में 24 साधु संतों की हत्या की जाती है लेकिन उन्हे कोई मुआवजा नहीं और रोडरेज में मरने वाले इकबाल के परिवार को 50 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी के साथ डेयरी बूथ का आवंटन किया जाता है। कन्हैया लाल टेलर की हत्या, हिंदु त्यौहारों पर प्रतिबंध और पीएफआई की रैली को मंजूरी दी जाती है।