जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पहल पर विधानसभा में शुक्रवार को राष्ट्रीय पर्यावरण पर दो दिवसीय युवा संसद आरंभ हुई।
देवनानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय पर्यावरण विषय पर आयोजित युवा संसद का शुभारम्भ किया। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए दो सौ से अधिक युवाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर देवनानी ने युवाओं का आह्वान किया कि सभी को मिलजुल कर एक स्वस्थ, सुरक्षित और हरित भविष्य की दिशा में कदम बढाने होगें। इसके लिए देश का भविष्य और वर्तमान युवा को दृढ़ संकल्प के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करने होंगे।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपना दायित्व समझना होगा और सजग रहकर पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी निभाना होगा। तकनीकी ज्ञान के साथ पृथ्वी पर उपलब्ध पानी की हर बूंद के उपयोग का प्रयास करना होगा। देवनानी ने युवाओं से कहा कि पर्यावरण संरक्षण पर राजस्थान विधान सभा के सदन में चर्चा के साथ क्रियान्विति के लिए ब्लू प्रिंट आवश्यक रूप से तैयार करें।
देवनानी ने कहा कि जल, प्रकृति और प्राकृतिक संसाधन हैं तो मानव जीवन है। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तो मानव और धरती का अस्तिव बना रहेगा। उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण एवं वैज्ञानिक नवाचारों के साथ जल, प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों से हमें प्रेम करना होगा। इसी से हमारे स्वयं के साथ समाज एवं देश का सुव्यवस्थित विकास हो सकेगा।
देवनानी ने आकाशो-शांति, पृथ्वी-शांति, अंतरिक्ष-शांति और सभी जीव जगत की शांति के लिए प्रार्थना करते हुएये कहा कि पर्यावरण विषय के इस युवा संसद का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति चेतना बढ़ाना है साथ ही प्राकृतिक संसाधनों एवं पारिस्थितिकी तंत्र के प्रति भी जागरूकता और संवेदनशीलता के साथ हमें अपनी मानवीय जिम्मेदारियों पर समझ बढानी होगी।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति भारतीय संस्कृति सदैव से ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखती आई है। भारतीय दर्शन में संतुलन और सदभाव की अवधारणा के साथ पशुओं के प्रति अहिंसा और करूणा का भाव है। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल से ही भारतीय संस्कृति में जल और पेडों के संरक्षण के अनेक उपाय बताए जाते रहे हैं। सिंधु घाटी सभ्यता नदी किनारे विकसित हुई जिसने जल निकास व्यवस्था का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया। राजस्थान में सार्वजनिक तालाब, खड़ीन, झालरा, कुंए, बावड़ी आदि अनेक जल संचयन की तकनीकी विधियां आज भी विद्यमान है, जिनसे मरुस्थल को भी जैव समृद्ध मिलती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सौर, पवन और जल ऊर्जा के विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए देश में चलाए जा रहे जल सहेली, स्वच्छ भारत, एक पेड़ मां के नाम, टिकाऊ जल प्रबंधन जैसे अनेक अभियानों का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे प्रयासों से राष्ट्र सतत् विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने युवाओं को इन कार्यक्रमों से दृढ़ संकल्प के साथ जुड़ कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ निर्वहन करने के लिए कहा।
राष्ट्र मंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के सचिव संदीप शर्मा ने कहा कि राजस्थान विधान सभा के सदन में नेशनल एन्वायरमेंट यूथ पार्लियामेंट का आयोजन ऐतिहासिक है। युवा शक्ति को लोकतंत्र से जोडने के लिएये विधान सभा के पवित्र सदन में युवाओं को बैठने का गौरवशाली अवसर मिला है। युवा संसद का यह मंच पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को समझने के साथ हमारे विचारों, प्रयासों और संकल्पों का साझा माध्यम भी बनेगा।
राष्ट्र मंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा द्वारा देवनानी के नेतृत्व में ऐसे नवप्रयोग किए जा रहे है। उन्होने कहा पर्यावरण संकट केवल एक देश का मुद्दा नहीं है बल्कि संपूर्ण मानवता का साझा दायित्व है। समाज की रीढ़ युवा शक्ति को इसके लिए तत्परता से बदलाव और प्रतिबद्वता के साथ सतत् भविष्य को सशक्त करने की जरूरत है।
समारोह में देवनानी और संदीप शर्मा ने आदित्य खैवाल और लक्ष्य खैवाल द्वारा लिखित पुस्तक वायु एवं महाकुंभ एक जादुई सांस्कृतिक यात्रा का विमोचन किया। यह पुस्तक बच्चों और युवाओं को शिक्षाप्रद और मनोरंजक तरीके से महाकुंभ मेले के सांस्कृतिक महत्व को समझाते हुए पर्यावरण संरक्षण के महत्व को उजागर करती है। पुस्तक में कहानियों के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग और पर्यावरण संरक्षण के प्रबंधन को समझाया गया है।