सदन की मान-मर्यादा एवं परम्पराओं को बनाए रखने का होगा प्रयास : देवनानी

जयपुर। राजस्थान की 16वीं विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने पर सभी विधायकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि वह सदन की मान-मर्यादा एवं परम्पराओं को बनाए रखने के लिए सर्वदा प्रयासरत रहेंगे।

देवनानी ने उनके अध्यक्ष चुने जाने पर मुख्यमंत्री भजन लाल सहित सभी विधायकों की शुभकामनाओं के लिए उनका आभार जताया और कहा कि राजस्थान की ऐतिहासिक परम्परा का निर्वह्न करते हुए उन पर विश्वास जताकर इस परंपरा को बनाए रखा।

उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा के इस सदन की महान परम्पराएं रहीं हैं और वह सदन की मान-मर्यादा तथा परम्पराएं बनाए रखने के लिए सर्वदा प्रयासरत रहेंगे। साथ ही सदन की ज्यादा से ज्यादा बैठकें और सार्थक बहस हो, इसके लिए भी वह प्रयास करेंगे।

उन्होंने सदन को अध्यक्ष पद की गरिमा एवं निष्पक्षता बनाए रखने के लिए आश्वस्त करते हुए सभी सदस्यों से उम्मीद जताई कि वे नियमों का पालन कर संसदीय परम्पराओं को समृद्ध बनाएंगे। उन्होंने सदस्यों से आह्वान किया कि वे सदन के नियम एवं प्रक्रियाओं का अध्ययन करें ताकि उन्हें सदन की प्रक्रियाओं का ज्ञान हो सके।

उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि सदन अधिक दिन चले और इसके लिए मिलकर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न सदस्यों की सदन की कई कमेटियां बनाई जाती हैं और इन कमेटियों को प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सब मिलकर नियम का पालन करेंगे और संवैधानिक परम्परा को और मजबूत किया जाएगा।

देवनानी ने विश्वास जताते हुए कहा कि सदन में नए सदस्य, छोटे दल, सत्ता एवं विपक्ष के सदस्य इस पद की गरीमा को बनाए रखेंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि सदस्यों की भावनाओं को सबके साथ मिलकर पूरी करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सदन में नियमों, मर्यादा एवं परम्पराओं का पालन भी करना होगा और प्रयास रहेगा कि सदस्य को उसकी बात रखने का पूरा अवसर मिले और निष्पक्ष निर्णय करके सदन आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा।