वासुदेव देवनानी का सभी दलों को सदन संचालन में सहयोगी बनने का आह्वान

जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने 31 जनवरी से शुरु हो रहे आगामी विधानस सत्र में सभी राजनीतिक दलों को सदन संचालन में सहयोगी बनने का आह्वान करते हुए कहा है कि सदन नियमों, परम्पराओं एवं मर्यादाओं से चलता है और इसके सदस्यों को इसका पालन करना चाहिए।

देवनानी की अध्यक्षता में विधानसभा में बुधवार को सर्वदलीय बैठक आयोजित हुई और इसमें उन्होंने यह आह्वान किया। उन्होंने सभी दलों से सदन को शांतिपूर्वक चलाने में सहयोग करने और सार्थक बहस में अपनी बात समय सीमा में रखने के लिए कहा है। सोलहवीं राजस्थान विधानसभा के तृतीय सत्र की बैठकें शुक्रवार से आरम्भ होगी। उन्होंने कहा कि सोलहवीं राजस्थान विधानसभा का सदन नये कलेवर में तैयार हो गया है।

सदन को वन-नेशन-वन एप्लीकेशन के तहत सदस्यों की मेजों पर टैब लगाकर तैयार कर दिया गया है। सदन में सार्थक चर्चा और राज्यपाल अभिभाषण को पक्ष और प्रतिपक्ष के सभी सदस्य द्वारा शान्तिपूर्ण सुनने के लिए बैठक में सहमति बनी।

उन्होंने कहा कि सदस्य सदन में मर्यादित व्यवहार करें और वैल में नहीं आएं। सभी सदस्यों को नियमों के अनुसार बोलने का मौका मिलेगा। विधानसभा का सदन अधिक से अधिक दिन चले इसके लिए सभी दलों को सकारात्मक सोच रखनी होगी। उन्होंने कहा कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी सोलहवीं विधानसभा के सभी सदस्यों की है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा का यह पवित्र सदन प्रदेश की आठ करोड जनता का प्रतिनिधित्व करता है। सदन की कार्यवाही को आम जनता देखती है। प्रदेश की जनता से चुनकर आये जनप्रतिनिधिगण अपने आचरण और व्यवहार से जन आकांक्षाओं के अनुकूल आदर्श प्रस्तुत करें।

देवनानी ने बताया कि सोलहवीं विधानसभा के 90 प्रतिशत प्रश्नों के जवाब विधानसभा को प्राप्त हो गए है और यह शुभ लक्षण है। शेष रहे प्रश्नों के जवाब भी विधानसभा को शीघ्र प्राप्त हो जाएंगे। बैठक में विधान सभा को 90 प्रतिशत प्रश्नों के जवाब प्राप्त होने के लिए विधान सभा अध्यक्ष द्वारा किये गये प्रयासों की मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित सभी ने सराहना की।

उन्होंने कहा कि सभी दलों को चर्चा के लिए नियमानुसार समय आवंटित किया जाएगा। दोनों पक्षों के मुख्य सचेतक को विधान सभा सदन की समय सीमा के अनुसार ही आसन को बोलने वाले सदस्यों की सूची देनी होगी। समय सीमा में ही सदस्यों को अधिक से अधिक अपनी बात रखनी होगी।

उन्होंने कहा कि यह दलों के नेताओं कि जिम्मेदारी होगी कि उनके दल का सदस्य सदन में अपनी बात को आवंटित समय में ही रखने का प्रयास करे। देवनानी ने कहा कि सभी सदस्य शालीनता से मुद्दे उठाएये। उन्होंने कहा कि यह सदन जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने का पवित्र स्थल है। इसकी गरिमा को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सदन में अपनी बात रखने के लिए पक्ष एवं प्रतिपक्ष के सभी सदस्यों की भावना एक समान ही होती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सदस्यों की बातों को गम्भीरता से लिया जाएगा। सदस्यों द्वारा उठाई गई समस्याओं का निस्तारण भी कराया जाएगा। उन्होनें कहा कि स्वस्थ आलोचनाओं से कार्य में नवीन गति आती है।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आश्वस्त किया कि प्रतिपक्ष सदन संचालन में सहयोग करेगा। प्रतिपक्ष के सदस्य सदन में मर्यादापूर्ण व्यवहार से अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी पक्ष के साथ प्रतिपक्ष की भी है।

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि देवनानी की यह ऐतिहासिक पहल है। सदन संचालन में इस सर्वदलीय बैठक के दूरगामी सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे। बैठक में सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक रफीक खान, बसपा के मनोज कुमार और रालोद के डॉ. सुभाष गर्ग भी मौजूद थे।

राजस्थान भाजपा विधायक दल की बैठक गुरूवार को होगी