देश, प्रदेश और अजमेर में बहती रहेगी विकास की धारा : वासुदेव देवनानी

अजमेर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को गुलामी की मानसिकता और विसंगतियों से मुक्ति का काम किया जा रहा है और इसी के तहत अजमेर में केईएम का नाम बदल कर महर्षि दयानन्द विश्रांति गृह, खादिम होटल का नाम बदल कर अजयमेरु और फॉय सागर का नाम बदल कर वरुण सागर किया गया है।

देवनानी रविवार को यहां अपने नागरिक अभिनन्दन कार्यक्रम सम्बोधित कर रहे थे। अजमेर में केईएम का नाम बदल कर महर्षि दयानन्द विश्रांति गृह, होटल खादिम का नाम बदल कर होटल अजयमेरु तथा फॉयसागर का नाम बदल कर वरुण सागर करने पर शहर की दर्जनों संस्थाओं, समाजों एवं हजारों लोगों ने देवनानी का नागरिक अभिनन्दन किया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम देवनानी ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को संजोना और हमारी आने वाली पीढ़ियों को अपने गौरवशाली अतीत से परिचित कराना हमारा कर्तव्य है। यह नाम परिवर्तन मात्र औपचारिक निर्णय नहीं बल्कि हमारी अस्मिता और आत्मसम्मान का प्रतीक है। संस्कृति का संरक्षण होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पूर्व में अजमेर रेलवे स्टेशन का नाम अजमेरी शरीफ एवं अजमेर म्यूजियम का नाम अकबर का किला करने का प्रयास किया गया। हमने इसका विरोध कर नाम परिवर्तन नहीं होने दिया। राष्ट्र निर्माण एवं गौरव का कार्य करने वालों का सम्मान होना चाहिए चाहे विचारधारा में मतभेद हो। इससे पूर्व कार्यकाल में भी शहर के लिए ऎतिहासिक कार्य किए गए। इसमें शहर का पहला महिला इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना एवं 142 किमी पाइपलाइन डलवाना बड़ी उपलब्धि रही।

उन्होंने कहा हमारी सरकार आजादी के 77 वर्षों बाद भी ब्रिटिश काल की उन सभी निशानियों को हटाने के लिए प्रतिबद्ध है जो हमारी राष्ट्रीय अस्मिता को ठेस पहुंचाती हैं। फॉयसागर का नाम बदलकर वरुण सागर करना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे यह झील अब भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जुड़ सकेगी। वरुण सागर झील का योजनाबद्ध तरीके से सौंदर्यीकरण एवं विकास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि फॉयसागर झील गुलामी का 132 वर्ष पुराना प्रतीक है। इसका निर्माण ब्रिटिश इंजीनियर फॉय ने जलापूर्ति एवं अकाल राहत के लिए करवाया था। उदयपुर के समान अजमेर भी झीलों की नगरी कहलाएगा। इस प्रकार कुछ दिन पूर्व शहर के बीच स्थित किंग एडवर्ड मेमोरियल भी 113 वर्ष पुराना गुलामी का प्रतीक था। इसका नाम महर्षि दयानंद विश्रांति गृह किया गया। अजमेर महर्षि दयानंद की निर्माण स्थल रही है। महर्षि दयानंद की जयंती पर महर्षि दयानंद विश्रांति गृह नाम की पट्टी का लगाई जाएगी।

उन्होंने बताया इससे पूर्व भी शहर में होटल खादिम का नाम परिवर्तन एवं तेलंगाना हाउस को निरस्त कर इस दिशा में कार्य किया गया। इसके उपरांत भी यदि कोई गुलामी का प्रतीक मिला तो उसका भी नाम परिवर्तित किया जाएगा। विकास के लिए नित नई घोषणाएं की जा रही है। इसमें अजमेर का भव्य प्रवेश द्वार निर्माण, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साइंस पार्क एवं सबके सहयोग से एक नए अजमेर बनाने की और अग्रसर है।

विभिन्न सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे शहर के ऎतिहासिक स्थलों को नई पहचान मिलेगी और भारतीय संस्कृति का सम्मान बढ़ेगा। समारोह में माली समाज, भाजपा महिला मोर्चा, स्वर्णकार समाज, साहू समाज, ब्राह्मण समाज, प्रगतिशील गुर्जर गौड़, जैन समाज, पूर्व सैनिक, व्यापारिक एसोसिएशन, राजपूत छात्रावास, भारत विकास परिषद, संस्कार भारती, वाल्मीकि समाज, शिक्षक संघ राष्ट्रीय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्सना रंगा एवं स्टाफ, शहर के भाजपा अध्यक्ष रमेश सोनी, राजेश शर्मा, योगेश शर्मा, राजकुमार लालवानी, संदीप गोयल, विक्रम सिंह, प्रवीण जैन, भारती श्रीवास्तव, अरविंद यादव, अंकुर मित्तल, कमल गंगवाल, प्रियशील हाडा, प्रकाश बंसल, सहित बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे। आयोजन के अंत में सभी ने इस सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में कार्य करने पर अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया।