उदयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि राज्य की विधानसभा को अपनी उत्पादकता के मामले में देश की शीर्षस्थ विधानसभाओं में अपना स्थान रखती है तथा इसे और भी प्रभावी बनाने के लिए शीघ्र ही विधानसभा का एक डिजीटल चैनल प्रारम्भ किया जाएगा जिस पर विधानसभा की कार्यवाही के अलावा लोकतांत्रिक क्रियाकलाप से जुड़े विषयों का प्रसारण किया जाएगा।
देवनानी मंगलवार को यहां सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में सप्ताह में एक घंटा इस चैनल का प्रसारण करने की भी योजना है, जिससे बच्चों को शुरू से ही लोकतांत्रिक संस्थाओं का परिचय और उनकी कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी मिल सके।
विधानसभा अध्यक्ष के रुप में नई भूमिका के बारे में बताते हुए देवनानी ने कहा कि प्रत्येक दायित्व का अपना महत्व है, लेकिन गरिमा की दृष्टि से विधानसभा अध्यक्ष का पद विशिष्ट है। सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष के बीच तालमेल बनाते हुए विधानसभा कार्यवाही निष्पक्ष एवं सुचारू रखना एक चुनौति होता है। सदन में सामान्य वाद-विवाद चलता रहता है लेकिन किसी प्रकार का गतिरोध नहीं होना चाहिए। मेरे विचार से गतिरोध दूर करने के लिए दोनों पक्षों को टेबल पर बिठाकर संवाद किया जाना सबसे उत्तम हल है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में विधानसभा सत्र में ऐसा करने से गतिरोध दूर करने में सफलता प्राप्त हुई। साथ ही सत्र से पूर्व सर्वदलीय बैठक करने से भी सत्र की कार्यवाही के दौरान होने वाले गतिरोधों की सम्भावना को कम किया जा सकता है। देवनानी ने कहा कि विधानसभा कार्यवाही को अधिकतम लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चलाया जाएगा लेकिन अनुशासन एवं नियमों का सख्ती से पालन करना भी प्राथमिकता में शामिल है।
देवनानी ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि विधायकों को सदन में बोलने का पर्याप्त समय नहीं मिलने की शिकायत दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सदन की कार्यवाही के दिन बढ़ाने और पहले की तरह सार्थक बहस के दौरान आवश्यकतानुसार लम्बी अवधि तक कार्यवाही जारी रखने से यह शिकायत दूर की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि कई बार सदन आधी रात तक भी चलते रहे हैं ऐसे में सांयकाल 6 या 7 बजे तक कार्यवाही समाप्त कर देने से इस तरह की शिकायतें पैदा होती हैं।
उन्होंने कहा कि शून्यकाल में लॉटरी सिस्टम से प्रश्न पूछने की परिपाटी फिर से शुरू की जाएगी, जिससे विधायकों को अपनी बात रखने का अवसर मिल सकेगा। देवनानी ने कहा कि गुजरात विधानसभा में प्रत्येक टेबल पर स्क्रीन लगी है जिस पर विधायकों के प्रश्न एवं उत्तर प्रदर्शित हो जाते हैं। ऐसा ही राजस्थान विधानसभा में भी करते हुए विधानसभा की कार्यवाही को पेपरलेस बनाया जाएगा। सदन में बात रखने के विधायकों के अधिकारों का संरक्षण की बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल के लगभग पांच हजार प्रश्न अनुत्तरित है जो कि ठीक नहीं है। अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की अब ऐसी व्यवस्था की जा रही है।
विधायकों के प्रश्नों के उत्तर अगले सत्र से पहले प्राप्त हो जाए ताकि जनहित के कार्यों को गति मिल सके। सदन की कार्यवाही के दौरान विधायकों की उपस्थिति बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि हाल के सत्र में विधायकों की 70 प्रतिशत भागीदारी रही। विधायकों की रुचि एवं योग्यता के अनुसार कमेटियों का सदस्य बनाया जाएगा, ताकि वे अपनी अधिकतम क्षमता से कार्य कर सकें।
देवनानी ने कहा कि डिजीटल हेल्पलाइन नए विधायकों को विभिन्न जानकारियां प्रदान करनें में सहायक सिद्ध हुई है। जल्द ही व्हाट्सएप चैनल भी बनाया जाएगा, जिससे सूचनाओं के सम्प्रेषण को गति मिलेगी। मीडिया के लिए भी विधानसभा परिसर में मीडिया हाउस बनाया गया है और एंट्री पास की संख्या भी बढ़ाई गई है।
एक अन्य प्रश्न के जवाब में देवनानी ने कहा कि भारत का लोकतंत्र अमरीका जैसे दुनिया के बड़े और ताकतवर देश से भी बेहतर है। इसे और भी सुदृढ़ करने के लिए जनता को जागरूक होकर जनप्रतिनिधियों से उनके कार्यों का हिसाब लेना चाहिए। साथ ही शत प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखकर कार्य करने की जरूरत है। अब समय आ गया है कि मतदान नहीं करने वालों की सरकारी सुविधाओं पर रोक लगाने जैसी किसी कार्रवाई के बारे में विचार किया जाना चाहिए।