महाकुंभ में कैबिनेट की बैठक करने वाला दूसरा राज्य बना राजस्थान

महाकुंभनगर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम महाकुंभ में अपने कैबिनेट के साथ पुण्य की डुबकी लगाने के बाद कहा कि महाकुंभ हमारी संस्कृति और विरासत की पहचान है।

शर्मा ने महाकुंभ को भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक बताया। स्नान के बाद मेला क्षेत्र में राजस्थान भवन में उनके अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें राजस्थान की जनता के हित में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। महाकुंभ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट बैठक के बाद किसी राज्य सरकार की दूसरी कैबिनेट बैठक है।

मंत्रिपरिषद की बैठक में देवस्थान विभाग से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें मंदिरों की भोगराग की राशि दो गुनी की गई। अंशकालीन पुजारियों का मानदेय बढ़ाकर 7500 रूपए किया गया और साथ ही राज्य में और राज्य के बाहर स्थित देवस्थान विभाग के मंदिरों के जीर्णोद्वार के लिए राशि स्वीकृत की गई।

दिल्ली चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि देश की जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास है। दिल्ली की जनता ने भरोसा किया कि उनका विकास केवल डबल इंजन सरकार ही सुनिश्चित कर सकती है, इसलिए उलन्होंने ऐतिहासिक बहुमत के साथ भाजपा सरकार बनाई।

इस दौरान राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, डा प्रेमचंद वैरवा सहित मंत्रिगण, सांसदगण, विधायकगण सहित गणमान्यजन उपस्थित थे। शर्मा गले में रूद्राक्ष की माला और भगवा गमछा डाले संगम तट पर कहा कि समुद्र मंथन के बाद हमारे ऋषि, मुनि और संत उन्होंने हमारी संस्कृति के विरासत हैं। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस प्रकार से कहते हैं विकास और विरासत हमारे संतों की है। उन्होंने कहा कि हम भाग्यशाली है कि महाकुंभ 144 साल बाद आया है। संगम के चारों ओर जन सैलाब दिखाई पड़ रहा है।

शर्मा ने कहा कि ऐसा आस्था का जनसैलाब दुनिया में और कहीं देखने को नहीं मिलता। यह आस्था केवल भारत वर्ष में ही मिलता है। उन्होंने महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कार्य किए हैं, उनको धन्यवाद और साधुवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने इतनी बड़ी व्यवस्था को बहुत ही शानदार ढंग से निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह हमारी संस्कृति और विरासत वह है जो भारत को छोड़कर और कहीं देखने को नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि आज हर मानव के मन और मस्तिष्क से प्रफुल्लित होकर दुनिया के कोने कोने से यहां आ रहा है। जो भी विदेशी श्रद्धालु यहां आता है वह यहां की आध्यात्मिकता का कायल होकर बस यही कहता है जो अध्यात्म का वैभव यहां है दुनिया में कहीं नहीं। इतनी भीड़, एक साथ इतने लोगों को एक साथ स्नान करते देख अपने आप में एक दिवास्वप्न लगता है। धन्य है भारत।

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने महाकुम्भ में किया स्नान