जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने अयोध्या में 22 जनवरी को हो रहे भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर राजस्थान के मंदिरों में चलाए गए स्वच्छता अभियान का रविवार को जयपुर में शुभारंभ किया।
जोशी एवं कुमावत ने इस अभियान का आगाज सिरह डयोढी बाजार स्थित श्रीरामचंद्र मंदिर से झाड़ू लगाकर किया। इस अवसर पर जोशी ने कहा कि रामलला के देशव्यापी आयोजन को सफल बनाने में राजस्थान का देवस्थान विभाग भी व्यापक स्तर पर तैयारियां कर रहा है। इसके लिए मंदिरों के बाहर एलईडी लगाकर श्रद्धालुओं को आयोजन का लाइव प्रसारण किया जाएगा। इस कार्य में भाजपा के पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं आमजन की भी भागेदारी रहेगी। देवस्थान विभाग के अलावा अन्य मंदिरों में भी स्थानीय स्तर पर भव्य आयोजन होंगे।
इस मौके पर कुमावत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि रामभक्त होने के नाते उनके लिए अत्यंत सौभाग्य का विषय है कि सुशासन को समर्पित राज्य सरकार का देवस्थान विभाग ऐतिहासिक तिथि 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में प्रदेश के हर मंदिर में सजावट, सफ़ाई, रोशनी, आरती, प्रसाद की व्यवस्था कर रहा है। इस दिन अयोध्या में आयोजित कार्यक्रम का सभी मंदिरों में सीधा प्रसारण होगा।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा मंदिरों में खासकर गाय के गोबर से बने दीपकों से रोशनी की जाएगी। वहीं मंदिरों में सत्संग, सुंदरकांड या हनुमान चालीसा के पाठ होंगे। साथ ही महाआरती एवं देवी-देवताओं के मूर्तियों का श्रृंगार किया जाएगा। आरती के पश्चात प्रसाद का वितरण होगा।
कुमावत ने बताया कि अयोध्या के महोत्सव को लेकर मंदिरों के बाहर होर्डिग्स लगाए जाएंगे। इन सब कार्यों के लिए देवस्थान विभाग की ओर से बजट आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को इस संबंध में मंदिरों में व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।
शहरों में स्थानीय निकाय और ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं को निजी मंदिरों में ये व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं, जबकि जिला मुख्यालय पर बने राजकीय मंदिरों में देवस्थान विभाग और बड़े निजी मंदिरों में उपखंड अधिकारी या कलेक्टर स्तर पर व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं।
कुमावत ने बताया कि 22 जनवरी को प्रदेश के जिस मंदिर में सजावट की व्यवस्था उत्कृष्ट होगी उन मंदिरों के पुजारी एवं उस मंदिर को देवस्थान विभाग द्वारा राज्यस्तरीय सम्मान दिया जाएगा। इस पूरी पुनीत प्रकिया का सहभागी बनने के लिए प्रदेशवासी मंदिरों की सजावट के फोटो देवस्थान विभाग की वेबसाइट पर सीधे अपलोड कर सकते हैं।