जयपुर। राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा विधानसभा में बुधवार को प्रस्तुत बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकार के बजट से युवा, किसान, महिला, पिछड़े और उद्यमियों को निराशा के अलावा कुछ नहीं मिला है।
डोटासरा ने कहा कि बजट जनता को भ्रमित करने वाला है, केवल आंकड़ों का मायाजाल प्रस्तुत हुआ, शब्दों की हेरा-फेरी हुई है। कुल मिलाकर यह बजट नई बोतल में पुराना शरबत मात्र है।
डोटासरा ने कहा कि पुराने बजट में जो बातें थीं, वही इस बजट में हैं। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की बातें हैं, पीपीपी मोड़ पर आमजन की गाढ़ी कमाई से बने निर्माण को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमेशा बजट में सरकारों ने मिसिंग लिंक सड़कों के लिए प्रावधान रखा है। चालीस से 50 किलोमीटर मिसिंग लिंक सड़क का प्रावधान हर विधानसभा क्षेत्र के लिए किया जाता रहा है, लेकिन इस बजट में केवल जो सड़कें मरम्मत योग्य नहीं है, उन सड़कों के निर्माण के लिए 10-10 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है और मरुस्थली जिलों में 15 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
उन्होंने कहा कि भर्तियों के लिए सवा लाख लाख जादुई आंकड़े की घोषणा की गई है, जबकि मुख्यमंत्री पहले वर्ष में कहते थे कि वर्षभर में एक लाख नौकरी देंगे, दूसरे वर्ष में सवा लाख की घोषणा कर दी, इसका तात्पर्य यह है कि जब तीसरा बजट पेश होगा तब सवा दो लाख नौकरियां मिल चुकी होंगी। सरकार एक भी सफाई कर्मी की भर्ती नहीं कर सकी है, न ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती कर पाई।
डोटासरा ने कहा कि सरकार शिक्षकों की भी भर्ती नहीं कर पाई, जबकि सवा लाख शिक्षकों के पद शिक्षा विभाग में खाली हैं और आज भी इन पदों को भरने की कोई घोषणा नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में विज्ञापन दिया था कि अगले वर्ष 80 हजार नौकरियां देंगे, ऐसा प्रतीत होता है कि इस वर्ष जो नौकरियां नहीं दे पाए, उन्हें जोड़कर अगले वर्ष सवा लाख नौकरियां देने की घोषणा बजट में की गई है। यह रोजगार की आस लगाए बैठे राज्य के युवाओं के हितों पर कुठाराघात है।
डोटासरा ने कहा कि राज्य सरकार ने बजट में 150 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा की है, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की योजना को आगे बढ़ाने की बात कही है जबकि किसानों को दो हजार यूनिट हर महीने बिजली नि:शुल्क दी जा रही थी, किन्तु अब नए बिजली कनेक्शन लेने वालोंं को इस योजना के तहत कोई लाभ नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यमुना जल बंटवारे के नाम पर सबसे बड़ा छल राजस्थान एवं शेखावाटी की जनता के साथ भाजपा सरकार द्वारा किया जा रहा है। इस बजट में एक शब्द भी यमुना जल बंटवारे के बारे में नहीं बोला गया, क्योंकि डीपीआर जो चार महीने में बनाने की घोषणा की थी, वह अब तक बनी नहीं। न ही डीपीआर के लिए कोई प्रावधान बजट में किया गया है।
डोटासरा ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर (ईआरसीपी) के नाम तो बदले गए, राम जल सेतु बोलने लगे और 12 हजार करोड़ रुपए के काम गिना रहे हैं, जबकि यह सारी वित्तीय स्वीकृतियां पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन के समय जारी होकर काम प्रारम्भ हुए थे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा दी गई वित्तीय स्वीकृतियों के काम चल रहे हैं, भाजपा सरकार ने इस योजना के लिए एक रुपया भी खर्च नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि बजट में इस योजना के लिए जो 9300 करोड़ रुपए की घोषणा की गई है वह कार्य तो मात्र झालावाड़, भरतपुर और अलवर में ही सम्पन्न होंगे और उसके पश्चात् अन्य जिलों को तो पीने का भी पानी प्राप्त होना मुश्किल है। वैसे भी पूर्व में नियोजित योजना से अब 200 एमसीएम पानी राज्य को कम मिलेगा।
डोटासरा ने कहा कि पिछले बजट घोषणाओं की 40 प्रतिशत भी क्रियान्वित नहीं हुई है, जिसके बहुत सारे उदाहरण है, जैसे जयपुर के झालाना में वन एवं वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान नहीं बना, ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे, खासकर कोटपूतली आदि के लिए घोषणा हुई थी, लेकिन नहीं बने और डीपीआर भी नहीं बनी।
खाटू श्याम मंदिर कोरिडोर के लिए 100 करोड़ की घोषणा हुई थी, लेकिन न तो डीपीआर बनी और न कार्य हुआ। अलवर के सरिस्का में पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र भी घोषित नहीं हुआ है, बांदीकुई के पास औद्योगिक क्षेत्र में माल परिवहन के लिए एक केंद्रीय स्थान भी नहीं बना।
मोदी के विजन और संकल्प पत्र के वादों को साकार करेगा बजट: भजनलाल शर्मा