अजमेर। हम भारतवासियों को 9/11 की तारीख आतंकी हमले की याद दिलाती है, जबकि इस दिन को हमे विवेकानंद जी के शिकागो में हुए उदबोधन से जोड़ कर देखना चाहिए, क्योंकि हम विनाश की नहीं सृजन की बात करते हैं। शिकागो के इस भाषण ने भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई थी। स्वामी विवेकानंद ने धर्म के साथ साथ राष्ट्र सेवा भी की। स्वामी विवेकानंद जी के कई उद्धरण इस बात का प्रमाण है कि उन्होने देश और समाज के करोड़ों–करोड़ों लोगों को प्रेरणा दी है।
यह बात राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो अल्पना कटेजा ने स्वामी विवेकानंद जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर राजस्थान केंद्रीय विश्विद्यालय में आयोजित वार्षिक खेल और सांस्कृतिक उत्सव- सृजन 2024-25 के उद्घाटन समारोह में कही।
प्रो कटेजा ने कहा कि स्वामीजी की स्मरण शक्ति अद्वितीय थी, उन्हें रामायण और महाभारत कंठस्थ थी, वह एक से अधिक जगहों पर अपना फोकस रख सकते थे। अब्दुल कलाम भी अपना गुरु विवेकानंद जी को मानते थे। स्वामी विवेकानंद की फोटो क्रांतिकारियों के पास भी मिलती थी, स्वामी विवेकानंद युवाओं के साथ साथ सभी वर्गो के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
प्रो कटेजा ने सभी से यह बात भी साझा की कि रवीन्द्रनाथ टैगौर ने स्वामी विवेकानंद के बारे में कहा था कि भारत को जानने के लिए विवेकानंद को पढ़ना आवश्यक है, महात्मा गांधी ने भी कहा था कि विवेकानंद को पढ़ने के बाद मेरी भक्ति हजार गुना बढ़ गई। इस प्रकार हम कह सकते हैं स्वामी विवेकानंद ने संपूर्ण विश्व के लोगों को प्रेरित किया था। स्वामीजी कर्मयोग को अधिक महत्व देते थे, नारी का सम्मान करना, सच बोलना यह स्वामीजी के संदेश थे। वर्तमान समय मे युवाओं के लिए यह आवश्यक है कि वह स्वामीजी के विचारों से प्रेरित होकर अपने लक्ष्य की प्राप्ति करें। कार्यक्रम के शुरुआत में मुख्य अतिथि प्रो अल्पना कटेजा को शॉल, स्मृति चिन्ह और श्रीमद भगवद गीता देकर सम्मानित किया गया।
राजस्थान केंद्रीय विश्विद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने अपने संदेश में कहा कि स्वामी विवेकानंद युवाओ के लिए प्रेरणा स्त्रोत थे, स्वामी जी के विचार और शिक्षा युवाओं को नवीन ऊंचाइयों तक ले जाने वाले है। यह दिवस हमें स्वामी जी के विचारों और आदर्शों को आत्मसात करने का अवसर प्रदान करता है।
इसी कड़ी में डीन अकादमिक प्रो डीसी शर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद न केवल एक महान आध्यात्मिक नेता थे, बल्कि एक दूरदर्शी, राष्ट्रवादी, समाज सुधारक और राजनीति के क्षेत्र में एक सशक्त विचारक भी थे। स्वामी विवेकानंद जी का संदेश था कि युवा शक्ति मे अपार सामर्थ्य है और अगर सही दिशा में प्रयास किया जाए तो वे समाज और देश को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते है। प्रो शर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचारों में वेदान्त का महत्वपूर्ण स्थान था, जिसमें आत्मा की अजर–अमरता और ब्रह्म के साथ एकात्मता की बात की गई है।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ भव्य युवा संकल्प यात्रा से हुआ जिसकी औपचारिक शुरुआत मुख्य अतिथि ने स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण कर की। प्रो अल्पना कटेजा ने यात्रा में भाग लिया जिसके पश्चात सभागार पहुंच कर एक पुस्तक प्रदर्शनी और स्वामी विवेकानंद के जीवन की यात्रा पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। युवा संकल्प यात्रा में सभी विद्यार्थी, कर्मचारी, ग्रामीण, केंद्रीय विद्यालय के विद्यार्थी और स्थानीय कार्यकर्ता आदि नाचते गाते शामिल हुए। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद जी की जीवनी पर व नशा मुक्त भारत अभियान पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई।
कार्यक्रम के दूसरे भाग में खेल आयोजनों का उद्घाटन हुआ। डीन अकादमिक प्रो डीसी शर्मा ने इस अवसर पर एथलेटिक ट्रैक पर टॉर्च relay में भाग लिया और मशाल जलाकर औपचारिक रूप से इस तीन दिवसीय खेल एवं सांस्कृतिक आयोजन-सृजन 2024-25 की शुरुआत की। NSS द्वारा परेड प्रदर्शन के साथ प्रतिस्पर्धा के अंतर्गत रस्सा कसी का एक मैच भी हुआ और विश्विद्यालय के योग विभाग के विद्यार्थियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में अध्यक्ष, सांस्कृतिक समिति डॉ हेमलता मंगलनानी और अध्यक्ष खेल समिति, डा संजय गर्ग ने स्वागत भाषण दिया। कुलसचिव अमरदीप शर्मा ने उपस्थित सभी लोगों को ध्न्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन राजस्थान केंद्रीय विश्विद्यालय की जनसम्पर्क अधिकारी अनुराधा मित्तल और डॉ गरिमा कौशिक ने किया।
प्रतिस्पर्धा की भावना को अपनाते हुए सृजन 2024-25 में तीन दिनों तक खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला देखी जाएगी जिसमें एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, कबड्डी, शतरंज, क्रिकेट, फुटबॉल, टेबल टेनिस, वॉलीबॉल और योग आदि जैसी खेल प्रतियोगिताएं और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे गायन, नृत्य, रंगोली, मेहंदी, पेंटिंग, कविता पाठ, अभिनय, वाद-विवाद आदि प्रतियोगिताएं होंगी।
तीन दिवसीय आयोजन मे पतंगबाजी, रंगोली प्रदर्शन, और फूड स्टॉल्स जैसे इंटरएक्टिव कार्यक्रम मुख्य आकर्षण का केंद्र होंगे। साथ ही, अर्बन हाट की स्वयं सहायता समूह (SHGs) की टीम भी अपने अनोखे स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्प के साथ इस महोत्सव में भाग लेंगी। इस सांस्कृतिक महोत्सव के अंतिम दिन राजस्थान के लोक कला प्रमुख अशोक शर्मा अपने अन्य कलाकारों के साथ राजस्थान के भावै, चरी, कच्ची घोड़ी तथा घूमर नृत्य का प्रस्तुतीकरण करेंगे।