जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि आगामी परिवर्तित बजट में पांच साल के रोडमैप के साथ विकसित राजस्थान-2047 की परिकल्पना को भी शामिल किया जाएगा।
शर्मा मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर कार्ययोजना भविष्य की मांग को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी तो संसाधनों का भी उचित आवंटन होगा तथा विजन को भी पूरा किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चिकित्सा के क्षेत्र में राज्य को देश में अग्रणी बनाने तथा अंतिम छोर पर खड़े प्रत्येक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए कृतसंकल्पित है। मुख्यमंत्री ने बैठक में आए प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं तथा इनके द्वारा दिए गए सुझाव आमजन के लिए लाभकारी हैं।
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों के द्वारा दिए गए सुझावों पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा तथा इन सुझावों को शामिल कर प्रदेशवासियों के लिए लोक कल्याणकारी बजट लाया जाएगा।
बैठक में उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत, सुगम एवं संवेदनशील बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि आगामी बजट में सबका साथ-सबका विकास की अवधारणा पर बल देते हुए स्वास्थ्य सेवाओं का और अधिक सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शुभ्रा सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय शिखर अग्रवाल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय आलोक गुप्ता सहित कई अधिकारी एवं विभिन्न चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से जुड़े संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
‘अंत्योदय’ से हो रहा आदिवासियों का उत्थान
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आश्वस्त करते हुए कहा है कि आगामी परिवर्तित बजट 2024-25 में जनजाति क्षेत्रीय विकास से संबंधित विषयों पर मिले सुझावों का उचित परीक्षण कर शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।
शर्मा मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के हितधारकों के साथ परिवर्तित बजट 2024-25 से पूर्व आयोजित बैठक में चर्चा कर रहे थे। उन्होंने आदिवासी समाज को सदियों पुरानी संस्कृति के प्रमुख वाहक बताते हुए कहा कि उनकी समृद्ध परंपराएं और गौरवशाली इतिहास को संरक्षित रखते हुए राज्य सरकार जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए कृत संकल्पित है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय तथा एकात्म मानववाद की अवधारणाओं को आत्मसात करते हुए आदिवासी समाज को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। अंत्योदय की भावना से ही हम अंतिम छोर पर बैठे आदिवासी समाज के व्यक्ति को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनजाति बहुल क्षेत्रों में चिकित्सा, शिक्षा, परिवहन, रोजगार, वनाधिकार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संकल्पित होकर कार्य कर रही है। आदिवासियों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम, पारंपरिक शिल्प को बढ़ावा और आदिवासी युवाओं को उद्यमशील बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम संचालित कर रही है।
उन्होंने कहा कि डूंगरपुर- बांसवाड़ा-रतलाम रेलवे प्रोजेक्ट एवं जनजाति बाहुल्य जिलों में राष्ट्रीय राजमार्गों के निरंतर निर्माण से विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। शर्मा ने कहा कि आदिवासी समाज को सशक्त बनाया जाएगा।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी एवं जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि राज्य सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग के विकास के लिए संकल्पित है। जनजाति क्षेत्रीय विकास के हितधारकों द्वारा दिए गए सभी सुझावों को संकलित कर परिवर्तित बजट 2024-25 में सम्मिलित करने के प्रयास किए जाएंगे।