जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 21वीं सदी में ज्ञान को ही सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए कहा है कि इस मंत्र को अपनाते हुए युवा अपनी पसंद के मुताबिक लक्ष्य तय कर सपनों को साकार करने के लिए कार्य करें।
शर्मा मंगलवार शाम को मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) में मां सरस्वती की प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युवा इस देश के विकास के वाहक हैं। भावी इंजीनियर्स बुनियादी ढांचे के बेहतर विकास के लिए जरूरी तकनीकी ज्ञान और नवाचारों से स्वयं को समृद्ध करें ताकि तेजी से बदलती दुनिया में भारत अग्रणी राष्ट्रों में शुमार हो सके। उन्होंने कहा कि आज एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) जैसे नए क्षेत्रों में आजीविका तलाशने का समय है और युवा इस बदलती प्रौद्योगिकी को तेजी से अपनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत उत्तरोत्तर विकास के नए कीर्तिमान बना रहा है और आने वाला समय निश्चित तौर पर भारत का होगा। उन्होंने एमएनआईटी को भारत के बेहतरीन इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक बताते हुए यहां के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं से अपने अध्ययन-अध्यापन के द्वारा इस संस्थान की गरिमा को और बढ़ाने के लिए कार्य करने का आह्वान किया। साथ ही शर्मा ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को वसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन हमें विद्या, बुद्धि और कला के प्रति समर्पण के लिए प्रेरित करता है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने एमएनआईटी परिसर में मां सरस्वती की मूर्ति का अनावरण और स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने विवेकानन्द लेक्चर थिएटर कॉम्प्लेक्स में पौधारोपण भी किया। इस अवसर पर एमएनआईटी के निदेशक प्रो एनपी पाढ़ी सहित संस्थान के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे।