जयपुर। राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने आभूषण उद्योग को अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ बड़ा रोजगार सृजक बताते हुए कहा है कि यह पर्यटन को भी काफी बढ़ावा देता है और रिपीट टूरिज्म में एक बड़ी भूमिका निभाता है।
दिया कुमारी शुक्रवार को यहां 21वें जयपुर ज्वैलरी शो (जेजेएस) के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि जयपुर आभूषणों का पर्याय है और जेजेएस कैलेंडर पर एक बहुप्रतीक्षित वार्षिक कार्यक्रम बन गया है। आभूषण उद्योग अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा सहारा है क्योंकि यह रोजगार प्रदान करता है और लोगों को नौकरियां देता है। रत्न एवं आभूषण उद्योग से दो लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। उन्होंने कहा कि आभूषण उद्योग पर्यटन को भी काफी बढ़ावा देता है और रिपीट टूरिज्म में एक बड़ी भूमिका निभाता है क्योंकि विश्व भर से लोग आभूषण खरीदने के लिए जयपुर आते हैं।
उन्होंने कहा कि यह काफी सराहनीय है कि जेजेएस कारीगरों, उभरते डिजाइनरों और युवा ज्वैलर्स को अवसर देता है। उन्होंने कहा अब समय आ गया है कि शो को अगले स्तर पर ले जाया जाए और इसे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की तरह ही अन्य देशों में शो की योजना बनाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया जाए। उन्होंने रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए सरकार की ओर से समर्थन का भी आश्वासन दिया।
इस अवसर पर जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के चेयरमैन विपुल शाह विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक विषयों और आर्थिक मंदी के कारण 2023 रत्न और आभूषण उद्योग के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है। हालांकि उद्योग में सुधार हुआ है और महत्वपूर्ण वृद्धि देखी जा रही है। जीजेईसीपीसी और ज्वैलर्स संयुक्त रूप से भारत को इस क्षेत्र में एक प्रमुख वैश्विक केंद्र बनाने के लिए विभिन्न पहल कर रहे हैं, जैसे सूरत में डायमंड बोर्स और जयपुर में आगामी बोर्स।
जेजेएस के मानद सचिव राजीव जैन ने इस वर्ष के जेजेएस की विशेषताओं और परंपराओं के बारे में बताते हुए कहा कि वर्ष 2003 में जेजेएस समारोह में जहां मात्र 67 बूथ थे वहीं इस वर्ष 1100 से अधिक बूथ हैं। इस वर्ष 1100 बूथ में 659 बूथ पर ज्वैलरी और 318 बूथ पर जेमस्टोन्स प्रदर्शित की जा रही है जबकि 58 पर अलाइड मशीनरी और 14 बूथ पर कॉस्ट्यूम एवं सिल्वर आर्टिकल्स और आर्टिफेक्ट्स प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इस वर्ष छह अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शक भी हैं और पांच देशों के डेलिगेशन भी शो का हिस्सा हैं। शो में लगभग 64 प्रतिशत बूथ डिज़ाइनर बूथ हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष शो में 50 हजार से अधिक आगंतुकों के आने की उम्मीद है।
नेशनल जेम्स एंड ज्वैलरी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन प्रमोद डेरेवाला ने कहा कि जयपुर का रत्न एवं आभूषण उद्योग विदेशी मुद्रा आय, कर राजस्व और रोजगार सृजन के माध्यम से राज्य के साथ देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है। इससे पहले अपने स्वागत भाषण में जेजेएस के चेयरमैन विमल चंद सुराणा ने कहा कि जयपुर शहर का रत्न और आभूषण उद्योग का हमेशा समर्थन मिला है। जयपुर ज्वैलरी शो एक महत्वपूर्ण और प्रगतिशील शो है और पिछले कुछ वर्षों में यह काफी मजबूत हुआ है।
ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन संयम मेहरा ने कहा कि यहां आभूषणों का उत्कृष्ट प्रदर्शन है और जेजेएस सभी अंतरराष्ट्रीय शो को कड़ी टक्कर दे रहा है। जेजेएस के प्रवक्ता अजय काला ने कहा कि जेजेएस सभी कीमती धातुओं और रंगीन स्टोन्स के साथ एक संपूर्ण शो है। यहां 500 रुपए से लेकर एक करोड़ रुपये तक की ज्वैलरी मौजूद हैं। शो में लगभग 300 रंगीन जेमस्टोन्स प्रदर्शित हैं। इस मौके जेएस शो गाइड का विमोचन भी किया गया।