जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य को इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति को मान्यता देने वाला देश का पहला राज्य बताया है और कहा है कि राज्य सरकार इस पद्धति को आगे बढ़ाने और रोगियों को उपचार उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में विशेषज्ञों की राय लेंगे। इस पद्धति से जुड़े चिकित्सकों और संस्थाओं को पूरा सहयोग मिलेगा।
शर्मा उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदगी में शनिवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के 13वें राष्ट्रीय सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि राजस्थान इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति को मान्यता देने
वाला देश में प्रथम राज्य है।
सबसे पहले राजस्थान विधानसभा ने राजस्थान इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति विधेयक 2018 पारित किया। उन्होंने विश्व इलेक्ट्रोपैथी दिवस पर रिनल डिस्ऑर्डर्स एंड इलेक्ट्रोपैथी एप्रोच विषयक सेमिनार में दुनिया को पद्धति देने वाले काउंट सीजर मैटी को नमन किया।
शर्मा ने चिकित्सा को जनसेवा का श्रेष्ठ मार्ग बताया और कहा कि इलेक्ट्रो-होम्योपैथी हर्बल चिकित्सा में औषधीय पौधों के रसों के जरिये उपचार किया जाता है जो प्रभावी चिकित्सा पद्धति के रूप में उभर रही है। इलेक्ट्रोपैथी औषधियां विभिन्न रोगों के इलाज में प्रभावी साबित हुई हैं। श्री शर्मा ने कहा कि काउंट सीजर मैटी मानते थे कि हमारा भोजन पेड़-पौधे ही हैं तो उपचार भी औषधीय पेड़-पौधों के जरिये खोजना चाहिए। राजस्थान में भी रोगियों का उपचार इस पद्धति से हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नये एम्स खोलने के साथ ही आयुष मंत्रालय से नयी आयुष पद्धतियों का निरंतर विकास हो रहा है। उनके द्वारा योग और स्वस्थ जीवनशैली के माध्यम से मानवता को निरोग और स्वस्थ रहने का संदेश दिया गया है। शर्मा ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों से यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज हासिल करने में मदद मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में देश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए सामूहिक प्रयत्न करने होंगे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत स्वास्थ्य शिविर लगाये जा रहे हैं। राज्य में शिविरों के दौरान 83 लाख से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है। शिविरों में 33 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड के लिए केवाईसी करने के साथ 77 हजार से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प मूलभूत चिकित्सा सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाना है। आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश में प्रत्येक नागरिक का स्वास्थ्य बीमा सुनिश्चित करना ही हमारा प्रमुख लक्ष्य है।
सेमिनार में उपमुख्यमंत्री एवं आयुर्वेद मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि इस पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार आवश्यक निर्णय लेगी। इस अवसर पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद की पुस्तिका का विमोचन और प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया गया। इस दौरान जयपुर शहर सीट से सांसद रामचरण बोहरा, चूरू सीट से सांसद राहुल कस्वां, विधायक कालीचरण सराफ और गोपाल शर्मा, परिषद के पदाधिकारी और इलेक्ट्रोपैथी पद्धति चिकित्सक सहित विशेषज्ञ मौजूद थे।