भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार के समय बनाए गए 9 नए जिलों को किया निरस्त

8 जिलों को रखा यथावत
जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय बनाए गए नए जिलों में नौ जिलों एवं तीन नए संभागों को निरस्त करने का फैसला किया हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को यहां मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने पत्रकारों को इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट ने पिछली सरकार के समय में गठित जिलों और संभागों का पुनः निर्धारण किया है, जिसके बाद अब प्रदेश में कुल सात संभाग और 41 जिले होंगे।

पटेल ने बताया कि गत सरकार के इस अविवेकपूर्ण निर्णय की समीक्षा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक मंत्रिमण्डलीय उप-समिति और इसके सहयोग के लिए सेवानिवृत्त आईएएस डॉ. ललित के पंवार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया। विशेषज्ञ समिति द्वारा नवगठित जिलों एवं संभागों के पुनर्निर्धारण के संबंध में तैयार की गई रिपोर्ट एवं सिफारिशें मंत्रिमण्डलीय उप-समिति के समक्ष प्रस्तुत की गई।

समिति द्वारा प्रस्तुत सिफारिशों पर विचार करते हुए नए सृजित जिलों में नौ जिलों अनूपगढ़, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, नीम का थाना, सांचौर एवं शाहपुरा तथा नवसृजित तीन संभागों बांसवाड़ा, पाली, सीकर को नहीं रखने का निर्णय मंत्रिमण्डल द्वारा लिया गया है। उन्होंने बताया कि बैठक में आचार संहिता से ठीक पहले घोषित तीन नए जिलों मालपुरा, सुजानगढ़ और कुचामन सिटी को भी निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।

पटेल ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी वर्ष में प्रदेश में 17 नवीन जिले एवं 3 नवीन संभाग बनाने का निर्णय लिया था, जिसके क्रम में राजस्व विभाग द्वारा पांच अगस्त 2023 को अधिसूचना जारी कर जिलों एवं संभागों का सृजन किया गया था। तीन नए जिलों की घोषणा विधानसभा चुनाव-2023 की आचार संहिता से एक दिन पहले की गई, जिनकी अधिसूचना भी जारी नहीं हो सकी थी।

उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार ने नवीन जिलों एवं संभागों का गठन पूरी तरह से राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया। इसमें वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता, प्रशासनिक आवश्यकता, कानून व्यवस्था, सांस्कृतिक सामंजस्य आदि किसी भी महत्वपूर्ण बिन्दु को ध्यान में नहीं रखा गया। नए जिलों के लिए पिछली सरकार ने कार्यालयों में न तो आवश्यक पद सृजित किए और न ही कार्यालय भवन बनवाए। बजट एवं अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई गई।

उन्होंने बताया कि मंत्रिमण्डल ने यथावत रखे गए आठ नए जिलों फलौदी, बालोतरा, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन और सलूम्बर में प्रशासनिक ढांचा तैयार करने के लिए राज्य सरकार सभी जरूरी वित्तीय संसाधन एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराएगी। इससे इन नए जिलों में रहने वाले आमजन को इन जिलों के गठन का लाभ वास्तविक रूप में मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि अब जिला परिषदों, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों का भी पुनर्गठन किया जाएगा।