राजस्थान सरकार कर रही इनवेस्टमेंट समिट,डिस्कॉम ने बदहाल कर रखा औद्योगिक शहर आबूरोड

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परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज-आबूरोड। भजनलाल सरकार ने हाल में प्रदेश।में बड़ा इनवेस्टमेंट समिट किया है। इसके माध्यम से सरकार का प्रयास ये है कि प्रदेश में स्थानीय और बाहरी निवेशकों को आकर्षित करें और यहां नए उद्योग धंधे स्थापित करे। प्रदेश स्तरीय समिट से पहले जिला स्तर पर भी सम्मेलन हुए थे। सिरोही जिले में ये सम्मेलन प्रमुख औद्योगिक शहर आबूरोड में हुआ था। उद्योगों के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण चीज है वो है बिजली। लेकिन, डिस्कॉम ने आबूरोड में जो बिजली व्यवस्था की बदहाली के रखी है उससे उद्योग तो क्या कोई मकान में भी निवेश करे ये मुश्किल लग रहा है।
– घंटों बिना पूर्व सूचना कटौती
आबूरोड में डिस्कॉम के दो मंडल हैं। आबूरोड शहरी और आबूरोड ग्रामीण। आबूरोड शहर की स्थिति तो थोड़ी ठीक है लेकिन डिस्कॉम आबूरोड ग्रामीण मंडल में जो बदहाली है वो शायद आबूरोड।के गांवों में भी देखने को नहीं मिलेगी। यहां हर दिन बिना किसी पूर्व घोषणा के विद्युत कटौती और ट्रिपिंग आम है। सप्ताह में दो दिन तो ऐसे होते है जब दिन या रात में घंटों बिजली गायब हो जाती है। इसमें सुधार की कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं की जा रही है।
– ट्रिपिंग इतनी कि शहर गांव में अंतर पता ना चले
आबूरोड ग्रामीण विद्युत मंडल ने शहरी इलाकों में जितनी ट्रिपिंग के रही है उतनी शायद किसी गांव में भी नहीं होगी। इससे घरेलू और लघु उद्योग प्रभावित हो रहे हैं। आबूरोड डिस्कॉम ग्रामीण के तकनीकी अधिकारी प्रतिदिन 6 से 12 बार ट्रिपिंग यहां सामान्य बना चुके हैं। इतनी ट्रिपिंग के अलावा अघोषित लंबी कटौतियां अलग से है। सिरोही जिला मुख्यालय के अधिकारियों ने अपनी क्षमता का उपयोग करते हुए सालों पहले इस समस्या से निजात दिलवा दी थी। दशक बाद भी आबूरोड डिस्कॉम इस तरह के किसी रूटमैप पर काम नहीं कर सका है। बिजली की कटौती का इन हालातों में यहां छोटे बड़े उद्योग पनपना और रोजगार और रिहायश का बढ़ना मुश्किल हो चुका है।
– समिट के कई उद्योग इसी क्षेत्र के
इनवेस्टमेंट समिट में जो इनवेस्मेंट आबूरोड में आना है उसमें से काफी टूरिज्म और हेल्थ के कई बड़े प्रोजेक्ट इसी इलाके में प्रस्तावित हैं। आबूरोड ग्रामीण विद्युत मंडल के अधीन जो इलाके आते हैं उनमें नगर पालिका और यूआईटी के इलाके भी है। ऐसे में ये सारे शहरी इलाके भी हैं। लेकिन, आबूरोड ग्रामीण मंडल जी तरह से इस इलाके को हैंडल कर रहा है उससे ये महसूस ही नहीं हो पाएगा कि नगर पालिका और यूआईटी के इलाके शहरी इलाके में हैं। सरकार लैंड कन्वर्जन के नाम पर यहां जमीनों के जमकर पैसे लेती है। लेकिन, डिस्कॉम यहां पर विद्युत वितरण व्यवस्था सुचारू नहीं कर पा रहा है।
– विधायक तो बिजली से ज्यादा रहते हैं गायब
आबूरोड क्षेत्र रेवदर विधानसभा में पड़ता है। यहां से 20 साल से जीत रहे थे। लेकिन आबूरोड के हालातों में कोई बदलाव नहीं हुआ। इस बार परिवर्तन के लिए कांग्रेस के मोतीराम कोली को जिताया। लेकिन, जीतने के बाद मोतीराम कोली जनता को समस्याओं के निस्तारण और उन्हें उचित मंच पर उठाने के लिए एकदम विफल रहे हैं। एक साल में यहां का कोई बड़ा मुद्दा वो ढंग से उठा नहीं पाए हैं। स्थिति ये है कि अब अपने विधायक को आबूरोड के लोग चौराहों पर लगे पोस्टरों के अलावा कहीं देख नहीं पाते। उनके पोस्टर के नीचे ही आबूरोड की मुख्य समस्याएं पड़ी रहती हैं।