अजमेर। राजस्थान में अजमेर में सरकार के चार विभागीय मुख्यालय अपने अध्यक्ष की बाट जोह रहे हैं। इनमें राजस्थान राजस्व मंडल, राजस्थान लोकसेवा आयोग, राजस्थान कर बोर्ड और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान हैं। चारों विभागीय मुख्यालय अतिमहत्वपूर्ण हैं, जिन्हें तत्काल अध्यक्ष की जरूरत है। इसके अभाव में नियमित काम प्रभावित होता है, वहीं नीतिगत फैसले लेने में भी दिक्कतें आती हैं।
अजमेर में राजस्व मंडल से अध्यक्ष राजेश्वर सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद सरकार ने नए अध्यक्ष की घोषणा नहीं की है। इसी तरह लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय एक अगस्त को ही सेवानिवृत्त हुए हैं। सभी को उम्मीद थी कि सरकार नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा हाथों हाथ करेगी ताकि आयोग की परीक्षाओं एवं साक्षात्कारों जैसा महत्वपूर्ण कार्य सुगमता से हो, लेकिन अब तक यह स्थान भी रिक्त है।
अजमेर स्थित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में भी अध्यक्ष नहीं है। यहां सम्भागीय आयुक्त महेशचंद्र शर्मा को बतौर प्रशासक दायित्व सौंप रखा है। बोर्ड में सरकार की ओर से अध्यक्ष के रूप में किसी शिक्षाविद की नियुक्ति की जाती रही है। यह एक तरह से राजनीतिक नियुक्ति होती है। यहां भारतीय जनता पार्टी शासन के बावजूद अब तक अध्यक्ष नहीं बनाया गया है।
अध्यक्ष के बिना राजस्थान कर बोर्ड में भी काम चल रहा है। काफी समय से यहां अध्यक्ष नहीं लगाया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हाल ही में कर बोर्ड को राजस्व मंडल के साथ मिलाकर एक महकमा करने के संकेत दिए हैं। जानकारों का मानना है कि दोनों को एक किए जाने के बाद ही सरकार यहां किसी अनुभवी एवं वरिष्ठ चेहरे को अध्यक्ष का दायित्व सौंपेगी।
अजमेर विकास प्राधिकरण (एडीए) भी कांग्रेस राज से ही अध्यक्ष की बाट जोह रहा है। गहलोत सरकार आपसी खींचतान के चलते एडीए को अध्यक्ष देने में सफल नहीं हो सके। अब जब राज्य में भाजपा सरकार है, सभी को एडीए अध्यक्ष की प्रतीक्षा है। इस पद पर निश्चित रूप से राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़ा चेहरा ही लगाया जाएगा।