राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ ने सौंपा मांग पत्र, सरकार को अल्टीमेटम

अजमेर। राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी, संघ के प्रदेशाध्यक्ष शम्भूसिंह राठौड एवं प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी के निर्देशानुसार संघ की अजमेर शाखा ने मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर विभिन्न मांगों से अवगत कराया।

ज्ञापन में बताया गया कि मंत्रालयिक निदेशालय के गठन की कार्यवाही राज्य सरकार स्तर पर प्रक्रियाधीन है। इसके गठन से राजस्व मण्डल एवं इसके प्रशासनिक नियंत्रणाधीन कार्यालय यथा संभागीय आयुक्त कार्यालय, कलक्टर कार्यालय, राजस्व अपील अधिकारी कार्यालय, उपखण्ड अधिकारी कार्यालय, तहसील कार्यालय, जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय एवं भू-प्रबन्ध अधिकारी कार्यालय आदि का कार्य प्रभावित होगा।

राज्य में विभागीय कार्यों के संचालन के लिए मंत्रालयिक संवर्ग की तीन प्रकार की कार्य-विधियां निर्धारित की गई है जिसमें शासन सचिवालय मैन्युअल, जिला मैन्युअल, अधीनस्थ कार्यालयों की कार्यालय क्रियाविधि पुस्तिका। राजस्व मण्डल राजस्थान, उपनिवेशन विभाग, भू-प्रबन्ध विभाग, संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर्स कार्यालयों में कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों द्वारा राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, राजस्थान काश्तकारी अधिनियम के अन्तर्गत न्यायालयी कार्य एवं सामान्य प्रषासन के कार्य करते है जिसमें सिविल प्रक्रिया संहिता एवं कोर्ट मैनुअल के अनुसार न्यायिक कार्य संपादन किया जाता है।

निदेशालय में राजस्व विभाग को सम्मिलित किए जाने पर राजस्व मण्डल राजस्थान का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इसलिए राजस्व मण्डल एवं इसके अधीन प्रशासनिक कार्यालयों यथा संभागीय आयुक्त कार्यालय, जिला कलक्टर्स एवं उपनिवेशन विभाग, भू-प्रबन्ध विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों को पृथक से निदेशालय की आवश्यकता नहीं है।

अतः राजस्व विभाग के अधीन राजस्व मण्डल एवं इसके अधीन संभागीय आयुक्त कार्यालय, जिला कलक्टर्स एवं उपनिवेशन विभाग, भू-प्रबन्ध विभागो के राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों को पृथक से निदेशालय की आवश्यकता नहीं है तथा निदेशालय में शामिल नहीं किया जाए।

राज्य के उपखण्ड कार्यालयों में कार्यभार अनुसार नवीन पदों का सृजन करने, मंत्रालयिक कर्मचारियों के बारे में मुख्यमंत्री की ओर से 11 मई 2023 को संघ को दिए गए आश्वासन एवं दिनांक 12 जून 2023 को प्रमुख शासन सचिव, कार्मिक विभाग, राजस्थान सरकार एवं मंत्रालयिक संगठनों के मध्य लिखित समझौते के अनुसार राजस्व विभाग में तहसीलदार के पदों पर मंत्रालयिक संवर्ग का कोटा यथावत रखा जाएगा।

अन्य संगठनों के दबाव में आकर मंत्रालयिक कर्मचारियों के तहसीलदार पदौन्नति कोटे से छेड़छाड़ नहीं करने, राजस्व विभाग के तहसीलदार पद की वर्ष 2023-24 की डीपीसी एवं वर्ष 2024-25 की नियमित डीपीसी करवाने, नवगठित जिला कार्यालयों में स्वीकृत पदों पर स्पष्ट नीति बनाकर स्थाई रूप से नियमित कार्मिक लगाए जाने एवं वर्ष 2025-26 से नवीन जिलों में स्वीकृत पदौन्नति के पदों को भी डीपीसी में शामिल करते हुए पदौन्नतियां करवाने आदि राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों की समस्याओं एवं मांगों के संबंध में कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

इस मौके पर संघ की ओर से प्रदेश प्रवक्ता एवं जिलाध्यक्ष अतुल भार्गव, महासचिव सतीश सैनी, राजेश चौधरी, कोषाध्यक्ष विकास जाटोलिया, जिला सचिव प्रवीण शर्मा, महेश बाकोलिया, अक्षय तोमर, प्रणव शर्मा, चन्द्रेश, नितिन शर्मा, मनीष बैरवा, ऊर्मिला चौहान, पूजा सामरिया, सुमेर सिंह, सुनील वर्मा, जितेन्द्र बसवाल, ललित हाडा, रवि पारीक, राजेन्द्र भट्ट, जितेन्द्र रामावत, महेन्द्र सिंह, अंकित उबाना, शोभित त्रिपाठी, रोहित सिंह, विकास व अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित रहें।

प्रदेश प्रवक्ता एवं जिलाध्यक्ष अतुल भार्गव ने बताया कि यह मंत्रालयिक निदेशालय राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों के हित में नहीं है एवं इसके गठन से राजस्व मण्डल एवं इसके प्रशासनिक नियंत्रणाधीन कार्यालयों की कार्यपद्धतियों पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा। यदि संघ के मांग पत्र सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो संघ प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार दिनांक 4 अप्रेल को समस्त राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी जयपुर में विशाल रैली आयोजित कर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे। उसी दिन मजबूरन राज्य व्यापी आन्दोलन के आगामी चरण की घोषणा कर दी जाएगी, जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।