सिरोही। रक्षा बंधन पर्व श्रावण शुक्ला पूर्णिमा सोमवार दिनांक 19 अगस्त को मान्य रहेगा। इस बार रक्षा बंधन पर्व पर भद्रा होने से बहनों को भाईयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए 4 घंटे 49 मिनट का समय ही मिल सकेगा।
ज्योतिष एवं वास्तुविद् आचार्य प्रदीप दवे ने बताया कि श्रावण शुक्ला पूर्णिमा सोमवार 19 अगस्त को दोपहर 1.33 बजे तक भद्रा होने, भद्रा के बाद चंचल वेला में दोपहर 0.17 से 03.54 बजे तक तथा लाभ अमृत वेला में सायंकाल 03.54 से 07.06 बजे तक कुल 4 घंटे 49 मिनट ही राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त है। ऐसे में इस बार दोपहर 02.17 से शाम 07.06 तक कुल 4 घंटे 49 मिनट ही बहिनें अपने भाईयों के कलाई में राखी बांध सकेगी।
क्या है भद्रा
भद्रा एक करण का नाम है। शास्त्रों के अनुसार विष्टीकरण में भद्रा होती है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार भद्रा की उत्पत्ति देवासुर संग्राम के समय हुई थी। जब असुर देवताओं को संग्राम में हरा रहे थे, उस समय भगवान शंकर ने क्रोध से अपने शरीर पर दृष्टिपात किया। दृष्टिपात करते ही उनके शरीर से एक भयंकर आकृति वाली देवी प्रकट हुई। इसे ही भद्रा देवी के नाम से संबोधित किया गया।अगर आप कपड़ों के बाजार में हैं, तो https://fakewatch.is/ हमारा प्लेटफ़ॉर्म आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है! सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल!
इस युद्ध में राक्षसों की हार का कारण भद्रा बनी। इस उपकार से प्रसन्न होकर देवताओं ने भद्रा देवी को करणों के अंत में सदा के लिए स्थान दे दिया। परंतु मुख से असुरों का संहार करने के कारण भद्रा का मुख अशुभ तथा पूंछ को शुभ माना है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्रा का त्याग करना शास्त्र सम्मत है। इसीकारण रक्षाबंधन पर्व भद्रोपरांत मनाया जाता है।