सामूहिक नृत्य में झलकी मातृशक्ति की राम भक्ति
राम भक्तों कोे धर्म ध्वजा का वितरण
अजमेर। श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा के शुभ दिन के उल्लास का अहसास कराती 9 दिवसीय 100 अरब हस्तलिखत श्रीराम नाम परिक्रमा के सातवें दिन शनिवार को समूचे शहर के रामभक्त आजाद पार्क में बनाई गई अयोध्या नगरी में उमड आए। विशाल पांडाल से लेकर समूचा परिसर राममय होकर भक्तों से सुबह से देर रात तक भरा रहा।
समिति सह संयोजक उमेश गर्ग ने बताया कि अनवरत चल रही परिक्रमा के बीच होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में भी रामभक्तों ने बढ चढकर हिस्सा लिया वहीं बच्चों ने झूलों का आनंद उठाया। मां सरस्वती महिला टीटी कालेज से आई 50 छात्राओं के दल ने मातृशक्ति की राम के प्रति भक्ति सामूहिक नृत्य के जरिए प्रस्तुत कर भक्तों का उत्साह बढा दिया। कृष्णगंज नांदेश्यवर महादेव मंदिर की ओर से रामभक्तों ने परिक्रमा स्थल पर धर्म ध्वजा फहराई। सुभदा स्कूल से दिव्यांग बच्चों ने रामधुनी के साथ परिक्रमा की। गुजराती समाज से सचिव नीतिन भाई मेहता ने समाज के गणमान्यजनों के साथ पधार कर धर्म लाभ लिया। राम नाम धन संग्रह बैंक के जरिए राम भक्तों को राम नामांकन का संकल्प कराया जा रहा है। घर घर भगवा पताका फहरेे इस निमित्त विशेष तौर पर समिति की ओर से धर्म ध्वजा उपलब्ध कराई जा रही है। चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की ओर से परिक्रमा स्थल पर स्टाफ सेवाएं प्रदान कर रहा है। जल सेवा मुकेश डीडवानिया की ओर से राम भक्तों को प्रदान की जा रही है।
दृष्टि बाधित संतोष गुप्ता ने राम भक्तों को किया निहाल
दोपहर 2 बजे से तुलसी जयंती समारोह समिति की ओर से सुन्दरकाण्ड पाठ की प्रस्तुति दी गई। दृष्टि बाधित सुश्री संतोष गुप्ता के नेतृत्व में उषा गुप्ता, महेश चन्द्र शर्मा, महेश कुमार शर्मा, अगम प्रसाद मित्तल, तय गोयल समेत अन्य साथियों ने सुंदरकांडपाठ को उंचाईयां प्रदान की। बीच बीच में भजन सरिता बहाकर राम भक्तों को खूब नचाया।
महाआरती में इन यजमानों ले लिया धर्म लाभ
शाम छह बजे हुई महाआरती में यजमान, संत, अतिथि व विशिष्ट अतिथि सुनील दत्त जैन, रमाकांत बाल्दी, कैलाश डीडवानिया, अनिल आसनानी, अनिल राजकुमार, ओमप्रकाश अशोक कुमार, किशनचंद भंसाली, ज्योत्सना जैन वैशाली, अशोक विजय, समिति के पदाधिकारी व गणमान्यजन शामिल हुए।
रामोत्सव में गीतों व भजनों से आनंद विभोर हुए रामभक्त
देर रात हुए रामोत्सव में राम दीपक की प्रस्तुति सप्तक कला एवं संस्कृति को समर्पित संस्था की ओर से दी गई। रविन्द्र जैन ने गीत निस दिन जपूं…, गोप मोरानी ने ऐ मालिक तेरे बबंदे हम…, भारती सोनी ने पायोजी मैने राम रतन धन पायो…, नीरज जैमन ने जग में सुंदर हैं दो नाम…, निहारिेका ने हरि सुंदर नंद…, अक्षत जैमन ने राम का गुनगान करिए…, जगदीश वाच्छानी ने मैली चादर ओढ के…, डा केके शर्मा ने श्रीराम की गली में तुम…, अन्य कलाकारों ने तेरा रामजी करेंगे बेडा पार…, सुख के सब साथ दुख में…, बडी देर भई…, श्याम तेरी बंसी को बजने से काम…, दाता एक राम भिखारी सारी दुनिया…, श्रीरामचंद्र कृपालु भज मन…, श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी…, हमे तो प्यारे हैं श्रीराम…, दुरमति दुरगति दूर करेंगे राम जैसे एक से बढकर एक गीतों व भजनों से रामभक्तों को आनंद से विभोर कर दिया।
राम बनो प्रतियोगिता को लेकर उत्साह
समिति पदाधिकारी महेन्द्र जैन मित्तल ने बताया कि परिक्रमा विश्राम के दिन 22 जनवरी को दोपहर 1 बजेे से 3 बजे तक होने वाली राम बनों प्रतियोगिता को लेकर रामभक्तों में खासा उत्साह है। बच्चे, बडे और बूढे भी इसके लिए समिति कार्यालय पहुंचकर पंजीयन करा रहे हैं। प्रतियोगिता के दिन सभी राम बने प्रतिभागियों को गाजे बाजे क साथ परिक्रमा स्थल में प्रवेश कराया जाएगा। महिलाएं मंगल गीत गाएंगी। प्रतियोगिता में 6 साल तक आयु वर्ग, 18 वर्ष के किशोर, 35 वर्ष तक के युवा तथा 35 साल से बडी उम्र के प्रतिभागी भाग ले सकेंगे। श्रृंगार व ड्रेस प्रतिभागियोें को स्वयं लानी होगी।
सर्दी जुकाम दूर करने वाली राम चाय के चर्चे
परिक्रमा स्थल पर विशेष तौर पर की ओर से राम चाय की स्टाल लगाई गई है। राम चाय के नाम से चर्चित चाय की खासियत बताते हुए ललित अग्रवाल ने कहा कि समस्त आयुर्वेदिक गुणों से युक्त इस चाय में निर्धारित मात्रा में अदरक, सौंठ, तुलसी आदि डाली जाती है। चाय को गरम करने से लेकर छानने तक इसकी शुद्धता का ध्यान रखा जा रहा है। सर्द मौसम को देखते हुए रामभक्तों के लिए राम चाय की सेवा निशुल्क प्रदान की जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक प्रतिदिन 5000 चाय का वितरण हो रहा है। शाम को बाजरे के खीचडे का प्रसाद वितरण किया गया। इस पुनीत कार्य में ओमप्रकाश, अशोक कुमार टांक, दीपचंद श्रीया, तारादेवी साहू, लायन ज्योत्सना, महेन्द्र जैन मित्तल, लायन अआभा राजेन्द्र गांधी, महेश सांखला, बबलू चौरासिया, हनुमान डेयरी, गोपाल कृष्ण साहू, राजेन्द्र पाटनी, कीर्ति लोकेश पाटनी, श्रीराम भरोसे केटर्स सहित अन्य रामभक्तों का सहयोग मिल रहा है।
21 जनवरी को आयोजित होने वाले कार्यक्रम
समिति के सह संयोजक सत्यनारायण भंसाली ने बताया कि दोपहर 2 बजे से आदर्श संकिर्तन मंडल की ओर से सुंदरकांड का पाठ होगा। शाम 5 बजे राम निवास धाम के जगदगुरु रामदयाल महाराज का पावन सान्निध्य प्राप्त् होगा। महाआरती शाम छह बजे होगी। इसमें यजमान गिरधारी मंगल, प्रवीण जैन, रामगोपाल प्रेमप्रकाश, जैतावरण वाले राजेन्द्र कुमार वर्मा होंगे। देर शाम को होने वाले रामोत्सव में राम नृत्यांजलि की प्रस्तुति नृत्यांगन कथक कला केन्द्र की ओर से दी जाएगी।
संतों ने बताई राम नाम के नाम की भक्ति और शक्ति
दिव्य घनश्यामधाम गोवर्धन मथुरा, गनाहेडा पुष्कर के पीठाधीश्वर श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर दिव्य मोरारी बापू ने प्रवचन के दौरान कहा कि अयोध्या में हो रहे श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से समूचा देश राममय हो रखा है। राम नाम परिक्रमा के आयोजन के जरिए हम अयोध्या के आनंद को अनुभूत कर रहे हैं। सुंदरकांड पाठ, राम के नाम की परिक्रमा, संतों का आगमन सब कुछ भगवान की कृपा से एक ही स्थान पर संभव हो पाया है। विश्वभर में सनातनी हर्षित हैं। श्रीरामलला 22 जनवरी को गर्भ ग्रह में विराजित होंगे। अयोध्या में हर कार्य विधि विधान से हो रहा है। आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद और अनेकानेक नागरिक संगठन व्यवस्थित रूप से निमंत्रण स्वरूप अक्षत वितरण कर रहे हैं। सबका 22 तारीख को व्यवस्था की दृष्टि से एक साथ पहुंचना संभव नहीं। ऐसे में बाद में अयोध्या धाम दर्शन को जाएं। 22 को अपने घर, मंदिर में आनंद लें।
उन्होंने श्रीराम शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि सूरज की गर्मी, चन्द्रमा की शीतलता में राम बसे हैैं। राम का नाम चाहे लिखे, रटें अथवा स्मरण करें। राम जप अथवा राम का नाम हमारे जीवन में पापों का नाश कर सदगुणों का सृजन करता है। राम हमारे हदय में रहेंगे तो विरोधियों का संहार करेंगे। रामायण का सार भी राम है। राम नाम दुखों को मिटाने वाला है। राम जप सबसे सरल और हर तरह से सुलभ है। वेदों का प्राण भी राम है। राम का नाम लिखकर उसकी परिक्रमा कर श्रीगणेशजी प्रथम पूज्य हो गए। यहां 100 अरब हस्तलिखित राम नामों की परिक्रमा करने का सौभाग्य प्राप्त करने वालों को भगवान श्रेष्ठतम स्थान देगा।
श्रीश्री 108 स्वामी घनश्यामदास महाराज पुष्कर गनाहेडा वालों ने कहा कि वर्तमान समय में संपूर्ण राष्ट्र राममय हो रखा है। उन्होंने परिक्रमा स्थल को अयोध्या धाम घोषित करने की भक्तों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि अजमेर धार्मिक नगरी है, यहां कथा, प्रवचन व अन्य सनातनी कार्यक्रमों के लिए आरक्षित स्थान होना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी का दिन सनातन को मानने वालों के लिए अविस्मरणीन रहेगा। हर घर, गली, मोहल्ले, नगर, गांव भगवामय हो गया है। सैकडों वर्षों के बाद खुशी और उल्लास का यह अवसर हमें प्राप्त हो रहा है।
इस अवसर पर सांवलियांसेठ डोडीयाना पीठ के महंत शत्रुघ्नदास ने रामभक्तों को सामूहिक रूप से राम जप कराया। उन्होंने कहा कि यहां 100 अरब हस्तलिखित श्रीराम की परिक्रमा करना समस्त तीर्थों की यात्रा करने के समान है। मंच संचालन महेन्द्र कुमार तीर्थानी व वर्तिका शर्मा ने किया।
परिक्रमा आयोजन में इनका विशेष योगदान
समिति के संयोजक कंवल प्रकाश किशनानी, सह संयोजक उमेश गर्ग, सत्यनारायण भंसाली, शशिप्रकाश इंदौरिया ने बताया कि परिक्रमा आयोजन मेें श्रीमानस मंगल सेवा न्यास, केशव माधव परमार्थ मंडल, सेवा भारती, लायन्स क्लब, भारत विकास परिषद, तुलसी जयंती समारोह समिति, दुर्गा वाहिनी, सांई बाबा मंदिर, समस्त मानस मंडल, सिंधी समाज महासमिति और नगर निगम अजमेर की ओर से रामभक्तों के लिए सुविधाएं मुहैया कराई गई है। खाजूलाल चौहान, पूरन सिंह चौहान, सुनील दत्त जैन, कालीचरण खंडेलवाल, आनंद प्रकाश अरोडा, बाबूसिंह पंवार, रामसिंह चौहान एसएन पांडे के मार्गदर्शन में चल रही परिक्रमा में आयोजन की विभिन्न समितियों से जुडे रविकांत शर्मा, पवन जांगिड, प्रियशील हाडा, संपत सांखला, मुकेश डीडवानिया, नितिन शर्मा, सुमित खंडेलवाल, कमल मूंदडा, अशोक पंसारी, महेन्द्र जैन मित्तल, शिवशंकर फतेहपुरिया, अशोक टांक, भारती श्रीवास्तव, ललित शर्मा, अभिलाषा यादव, शिव रतन वैष्णव, लेखराज सिंह राठौड, डा विष्णु चौधरी समेत अनेक सदस्यों का भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है।