रामपुर। उत्तर प्रदेश में रामपुर जिले की एक विशेष अदालत ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान और उनके परिवार की सात सात साल की सजा के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया जबकि पड़ोसी पर जानलेवा हमले के मामले में आजम और उनके भाई समेत सभी चार आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया है।
सुनवाई के दौरान आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, अदीब आजम, उनके भाई शरीफ अहमद खान कोर्ट में हाजिर हुए जबकि आजम की पत्नी डा तजीन फातिमा नहीं पहुंची। आजम को सीतापुर जेल से वज्र वाहन में लाया गया। उनके साथ अब्दुल्ला आजम भी कड़ी सुरक्षा में साथ लाए गए। आजम को कड़ी सुरक्षा में करीब सवा दो बजे लाया गया। पड़ोसी पर जानलेवा हमले का संपूर्ण परीक्षण सत्र न्यायालय में हुआ।
कोर्ट में हाजिरी के दौरान उनकी अपील को खारिज कर दिया गया। साथ ही दूसरे पड़ोसी पर जानलेवा हमले में आजम खान, अब्दुल्ला आजम, भाई शरीफ अहमद खान और उनके बेटे बिलाल खान को बरी कर दिया गया। इस मौके पर अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि आजम खान की सजा के खिलाफ अपील को न्यायालय ने खारिज कर दिया है। एसपीओ शिव प्रकाश पांडे ने बताया कि पड़ोसी पर जानलेवा हमले का मामला सत्र न्यायालय में चला और संपूर्ण परीक्षण सत्र न्यायालय में हुआ।
दो जन्म प्रमाण पत्र मामले के वादी और भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने बताया कि उन्होंने हमेशा न्यायालय का सम्मान किया है, चाहें निर्णय हमारे पक्ष में आया हो या उनके हमने हमेशा इसका सम्मान किया है। आजम के अधिवक्ता जुबैर अहमद खान ने बताया कि न्यायालय से अपील खारिज हो गई है। अब वह इसके लिए हाई कोर्ट का रुख करेंगे। वहीं पड़ोसी पर हमले में ऑर्डर तैयार हो रहा है। सजा मुक्त किस आधार पर किया है वो ऑर्डर के बाद ही बताया जा सकेगा।
वहीं पड़ोसी मामले में बरी हुए आजम खान के भाई शरीफ अहमद खान ने कहा कि जज ने बेहतरीन फैसला किया। जज डा विजय कुमार ने उनकी उम्र और चलने में भी परेशानी को देखते हुए फौरन केस डिसमिस कर दिया। जज ने माना कि वह उम्र के कारण तीसरी मंजिल पर चढ़कर किसी के साथ मारपीट नहीं कर सकते।
शरीफ अहमद खान ने कहा कि आजम खान पर चल रहे मामलों के बारे में कहा कि वो सब सियासी मामले हैं। आज किसी की है तो कल किसी और की होगी। वहीं राजनीति का न्यायिक मामलों में हस्तक्षेप होने के प्रश्न पर कमेंट करने से बचते नजर आए।
गौरतलब है कि आजम खान, बेटे अब्दुल्ला आजम, पत्नी डा तजीन फातिमा को बेटे के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सात सात साल की सजा हुई है। वहीं आजम खान, बेटे अब्दुल्ला आजम, भाई शरीफ अहमद खान और भतीजे बिलाल खान पर पड़ोसी ने जानलेवा हमला करने का मुकदमा लिखाया था।