आरएसएस के भव्य पथसंचलन पर जमकर पुष्पवर्षा, आतिशबाजी से स्वागत

अजमेर। शताब्दी वर्ष मना रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शौर्य, अभूतपूर्व संख्याबल एवं अनुशासित स्वयंसेवकों के पथसंचलन का अजमेर में भव्य स्वागत हुआ। इस बार पुष्पवर्षा के साथ स्वयंसेवकों के अभिनंदन में जगह जगह आतिशबाजी भी की गई।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अजयमेरु महानगर के रविवार को तोपदडा स्कूल के मैदान में एकत्रीकरण के बाद 4000 से भी ज्यादा स्वयंसेवकों का पथसंचलन शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरा। अनुशासन और मिनट टू मिनट के साथ समय की पाबंदी की मिसाल बने इस पथसंचलन को देखने और स्वागत करने के लिए लोग समय पूर्व ही मार्ग के दोनों और जमा थे। घोष की गूंज के साथ पथसंचलन करते स्वयंसेवकों पर जमकर पुष्प वर्षा की गई। दरगाह के बाहर पथसंचलन का भव्य स्वागत किया गया।

पंच परिवर्तन से होगा उभरते भारत की प्रत्येक चुनौती का समाधान : निंबाराम

पथसंचलन से पहले तोपदड़ा स्थित खेल मैदान पर एकत्रित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने कहा कि संघ समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए पिछले लगभग 99 वर्षों से निरंतर कार्य कर रहा है। भारतीय समाज में सकारात्मक परिवर्तन को गति देने एवं समाज में अनुशासन व देशभक्ति के भाव को बढ़ाने के उद्देश्य से संघ ने समाज में पंच परिवर्तन का आह्वान किया है। इन पंच परवर्तनों से उभरते भारत की प्रत्येक चुनौती का समाधान संभव होगा।

चार हजार से अधिक संख्या में उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की पंच परिवर्तन के पांचों आयाम (1) स्व का बोध अर्थात स्वदेशी (2) नागरिक कर्तव्य (3) पर्यावरण (4) सामाजिक समरसता एवं (5) कुटुम्ब प्रबोधन को सुचारू रूप से लागू कर समाज में बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है।

स्व के बोध से नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होंगे। नागरिक कर्तव्य बोध अर्थात कानून की पालना से राष्ट्र समृद्ध व उन्नत होगा। सामाजिक समरसता व सदभाव से ऊंच-नीच जाति भेद समाप्त होंगे। पर्यावरण से सृष्टि का संरक्षण होगा तथा कुटुम्ब प्रबोधन से परिवार बचेंगे और बच्चों में संस्कार बढ़ेंगे।

समाज में बढ़ते एकल परिवार के चलन को रोक कर भारत की प्राचीन परिवार परंपरा को बढ़ावा देने की आज महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष जब हम सौ साल पूरे करेंगे, तब स्वयं सेवकों को भी तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाने के साथ साथ शाखाओं के विस्तार पर भी जोर दिया। हर बस्ती में संघ की शाखा लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम हिंदू समाज को एकजुट करने की बात अपने घर से ही शुरू करेे। इसके लिए उन्होंने पर्यावरण, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्य और कुटुम्ब विचार पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि देश में भ्रम फैलाया जा रहा है कि आरएसएस एंटी मुस्लिम है, जबकि संघ में सनातन संस्कृति में आस्था रखने वाले स्वयंसेवक सक्रिय हैं। सनातन संस्कृति में सभी धर्मों के लोगों का मान सम्मान होता है। ऐसे में संघ एंटी मुस्लिम हो ही नहीं सकता। संघ हिंदुत्व का समर्थक है, जब हम हिंदू राष्ट्र की बात कहते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि देश में सिर्फ हिंदू ही रहेंगे। असल में हिंदुत्व एक जीवन पद्धति है। जिसमें सभी धर्मों के मानने वालों का सम्मान होता है। हिंदू कभी भी दूसरे धर्म के लोगों पर आक्रमण नहीं करता।

कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता शीतल शेखावत मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थीं। साथ ही चित्तौड़ प्रांत के संघचालक जगदीश राणा, विभाग संघचालक मुकेश अग्रवाल, महानगर संघचालक खाजूलाल चौहान भी मंचासीन रहे।