कोच्चि। राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और पूर्व अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख आर हरि का रविवार को यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को इवर मठ में किया जाएगा।
उनका जन्म पांच दिसंबर 1930 को आरएसएस समर्थक रंगा शेनाई और पद्मावती के पुत्र के रूप में त्रिपुनिथुरा में पुलेपाडी के पास हुआ था।
महात्मा गांधी की 1948 में हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने के सिलसिले में उन्हें पांच महीने की जेल हुई थी। आर हरि, जिन्होंने कोच्चि के सेंट अल्बर्ट हाई स्कूल में पढ़ाई की और महाराजा कॉलेज, एर्नाकुलम से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, 1951 में आरएसएस के पूर्णकालिक सदस्य बन गए।
वह 1990 अखिल भारतीय सह बौधिक प्रमुख बने और वर्ष 1991 में उन्हें अखिल भारतीय बौधिक प्रमुख के रूप में पदोन्नत किया गया। उन्होंने 75 वर्ष के उम्र में सभी आधिकारिक कर्तव्यों से इस्तीफा दे दिया और अगले दो वर्षों तक कुछ विशेष कार्यभार संभालते रहे।
मलयालम, कोंकणी, तमिल, हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, मराठी, गुजराती, बंगाली और असमिया जैसी 10 भाषाओं के जानकार आर हरि ने विभिन्न भाषाओं में लगभग 60 किताबें प्रकाशित की हैं।