आरबीआई ने कोटक महिंद्रा समेत तीन बैंकों पर ठोका 1.29 करोड़ जुर्माना

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकिंग नियमों का उल्लंघन करने पर कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) पर एक करोड़ 29 लाख 60 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।

आरबीआई ने गुरुवार को बताया कि उसने कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड पर बैंकिंग दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के लिए 61.40 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। उसने बताया कि बैंक की 31 मार्च 2023 तक की वित्तीय स्थिति के आधार पर निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण में बैंक द्वारा निर्देशों के अनुपालन में कमियां पाई गईं, जिसके बाद उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

बैंक के जवाब के बाद आरबीआई ने पाया कि बैंक कुछ उधारकर्ताओं के लिए स्वीकृत निधि आधारित कार्यशील पूंजी सीमा का कम से कम निर्दिष्ट प्रतिशत सुनिश्चित करने में विफल रहा। साथ ही बैंक ने कुछ स्टॉक-ब्रोकर के लिए इंट्रा-डे सीमाओं पर मार्जिन आवश्यकताओं का पालन नहीं किया। केंद्रीय बैंक ने विनियामक अनुपालन में कमी के आधार पर कोटक महिंद्रा बैंक पर 61 लाख 40 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।

रिजर्व बैंक ने बताया कि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड पर अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) से संबंधित नियमों के उल्लंघन के लिए 38 लाख 60 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। उसने बताया कि आरबीआई द्वारा बैंक की निरीक्षण प्रक्रिया के दौरान पाया गया कि कुछ एकल स्वामित्व वाली फर्मों के चालू खाते खोलने के लिए बैंक ने अपेक्षित ग्राहक उचित परिश्रम प्रक्रिया पूरी नहीं की। इस उल्लंघन को गंभीर मानते हुए, आरबीआई ने बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद आरबीआई ने यह जुर्माना लगाने का निर्णय लिया।

केंद्रीय बैंक ने बताया कि पीएनबी पर बैंकों में ग्राहक सेवा से जुड़े दिशा-निर्देशों का पालन न करने के कारण 29 लाख 60 हजार रुपए का दंड लगाया गया है। उसने बताया कि आरबीआई ने 31 मार्च 2023 तक की बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर वैधानिक निरीक्षण किया था। इस दौरान सामने आए निर्देशों के उल्लंघन और उससे संबंधित पत्राचार के बाद बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इसके जवाब में बैंक के जवाब के बाद आरबीआई ने पाया कि बैंक ने निष्क्रिय खातों में न्यूनतम शेष राशि न रखने पर दंडात्मक शुल्क वसूला, जो निर्देशों के विरुद्ध था।