मुंबई। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और आईएमपीएस की तरह की अब रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) सिस्टम के लिए भी भुगतान प्रणालियां प्रेषक को भुगतान लेनदेन शुरू करने से पहले प्राप्तकर्ता (लाभार्थी) का नाम सत्यापित करने की सुविधा किया जाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देने के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि आरटीजीएस और एनईएफटी में प्रेषकों को फंड ट्रांसफर शुरू करने से पहले लाभार्थी खाताधारक के नाम को सत्यापित करने में सक्षम बनाने के लिए, अब लाभार्थी खाता नाम लुक-अप सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव है। प्रेषक लाभार्थी का खाता नंबर और शाखा आईएफएससी कोड इनपुट कर सकते हैं, जिसके बाद लाभार्थी का नाम प्रदर्शित होगा।
उन्होंने कहा कि यह सुविधा ग्राहकों का विश्वास बढ़ाएगी क्योंकि इससे गलत क्रेडिट और धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाएगी। विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।
यूपीआई लाइट और यूपीआई 123 की भुगतान सीमा में बढोतरी
भारतीय रिजर्व बैंक ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए यूपीआई लाइट और यूपीआई 123 के उपयोगकर्ताओं के लिए भुगतान की सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद गुरूवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि यूपीआई123 को मार्च 2022 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य फीचर-फोन उपयोगकर्ताओं को यूपीआई का उपयोग करने में सक्षम बनाना था। यह सुविधा अब 12 भाषाओं में उपलब्ध है।
वर्तमान में यूपीआई123पे में प्रति-लेनदेन सीमा 5000 रुपए तक सीमित है। उपयोग के मामलों को व्यापक बनाने के लिए हितधारकों के परामर्श से प्रति-लेनदेन सीमा को बढ़ाकर 10,000 रुपए करने का निर्णय लिया गया है। एनपीसीआई को जल्द ही आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यूपीआई लाइट की वर्तमान में प्रति लेनदेन 500 रुपए की सीमा और यूपीआई लाइट वॉलेट के लिए 2000 रुपए की कुल सीमा लागू है, जिसमें ऑटो-रिप्लेनिशमेंट की सुविधा भी शामिल है।
इस उत्पाद के उपयोग के दायरे को बढ़ाने के लिए अब यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा को बढ़ाकर 5,000 रुपए और प्रति लेनदेन सीमा को बढ़ाकर 1,000 रुपए करने का निर्णय लिया गया है। ऑफलाइन डिजिटल मोड में छोटे मूल्य के भुगतान की सुविधा के लिए रिजर्व बैंक द्वारा जारी रूपरेखा, जिसके तहत यूपीआई लाइट को सक्षम किया गया है, में उचित संशोधन किया जाएगा।