नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लगातार दूसरी बार नीतिगत दरों विशेषकर रेपो दर में बुधवार को गई 0.25 प्रतिशत की कटौती का रियल एस्टेट उद्योग ने स्वागत करते हुये कहा कि केन्द्रीय बैंक का यह कदम घर की चाहत रखने वालों को किफायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराने में मददगार होगा और उद्योग को गति देने का काम करेगा।
नरेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हरि बाबू कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती एक उदार रुख है, जो रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देगा। कम ब्याज दरें होम लोन को किफायती बनाएंगी, जिससे सभी श्रेणियों में आवास की मांग बढ़ सकती है। इसके परिणामस्वरूप आवासीय बिक्री में वृद्धि, बाजार में बेहतर तरलता रहेगी और अनबिकी इन्वेंट्री में धीरे-धीरे कमी आएगी। यह डेवलपर्स को नए प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा, खासकर किफायती आवास में। उधार लेने की लागत में कमी के साथ, अधिक महत्वाकांक्षी घर खरीदार बाजार में प्रवेश कर सकते हैं, जो इस क्षेत्र में मांग-आपूर्ति के अंतर को पाटने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक रियल एस्टेट को भी लाभ होगा, क्योंकि आसान वित्तपोषण व्यवसायों को कार्यालय और खुदरा स्थानों में विस्तार और निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। कुल मिलाकर, आरबीआई का निर्णय एक मजबूत विकास दृष्टिकोण को दर्शाता है और रियल एस्टेट भावना को बहुत जरूरी बढ़ावा देता है।
मोरेस की मुख्य परिचालन अधिकारी श्वेता मित्तल ने कहा कि रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती भारतीय रिज़र्व बैंक का ऐसा कदम है जो आर्थिक गतिविधियों को गति देने और रियल एस्टेट सेक्टर को राहत पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगा। टियर-2 और टियर-3 शहरों में किफायती व मिड-सेगमेंट हाउसिंग की बढ़ती मांग को देखते हुए, यह निर्णय समयानुकूल है। इससे न केवल खरीदारों की सोच में सकारात्मकता आएगी, बल्कि होम लोन की सुलभता भी बढ़ेगी जिससे खरीद निर्णय टाल रहे उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
मनासुम सीनियर लिविंग के सह संस्थापक अनंतराम वरयूर ने कहा “ केन्द्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती और समायोजनात्मक रुख अपनाना रियल एस्टेट उद्योग के लिए काफी सकारात्मक प्रयास है, खासकर वरिष्ठ नागरिकों की परियोजनाओं के लिए। कम ब्याज दरों के साथ, हम वरिष्ठ नागरिकों के रहने वाले अपार्टमेंट सहित आवास की मांग में वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं।
आरबीआई द्वारा रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करके इसे 6 प्रतिशत करने और अपने रुख को समायोजनात्मक करने का निर्णय इस क्षेत्र को बढ़ावा देगा। वरिष्ठ नागरिकों के रहने का बाजार लगातार बढ़ रहा है, जो कि उम्र के अनुकूल आवास की बढ़ती मांग से प्रेरित है, इस नीति परिवर्तन से वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिक किफायती और सुलभ आवास विकल्प बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आरबीआई के इस फैसले से आर्थिक वृद्धि को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 26 के लिए 6.7 प्रतिशत अनुमानित है, जबकि मुद्रास्फीति को 4.2 प्रतिशत पर नियंत्रित रखा जाएगा। केंद्रीय बैंक द्वारा पर्याप्त सिस्टम लिक्विडिटी प्रदान करने की प्रतिबद्धता के साथ, रियल एस्टेट क्षेत्र में आगे की वृद्धि और विकास के लिए तैयार है। दर में कटौती को भारत की आर्थिक वृद्धि पर अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करने के कदम के रूप में भी देखा जा रहा है।
केडब्ल्यू ग्रुप के निदेशक पंकज कुमार जैन के अनुसार आरबीआई द्वारा लगातार दूसरी बार 25 आधार अंकों की दर से ब्याज दर कम करने के निर्णय से सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि वैश्विक टैरिफ युद्ध के कारण अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति जोखिम में है और आरबीआई से यथास्थिति की उम्मीद थी।