नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस, अमरीका की संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) और इंटरपोल के एक संयुक्त अभियान में 60 लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के आरोप में चार लोगों को देश के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया है।
विशेष प्रकोष्ठ, दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त एचजीएस धालीवाल के अनुसार इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) को एफबीआई से इंटरपोल के जरिए कॉल सेंटर चलाने वाले कुछ अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों के बारे में सूचना मिली थी, जो कि स्वयं को यूएस इंटरनल रेवेन्यू सर्विस, सामाजिक सुरक्षा प्रशासन, औषधि प्रवर्तन प्रशासन और अन्य अमेरिकी एजेंसियों का कर्मचारी बता रहे थे।
इन षड्यंत्रकारियों को भारत, अमरीका और युगांडा में स्थित सह-षड्यंत्रकारियों द्वारा मदद और सहायता दी जा रही थी। आरोपियों ने युगांडा में संचालित कॉल सेंटरों के जरिए लोगों से 60 लाख रुपये से अधिक की ठगी की थी। इनके खिलाफ विशेष सेल पुलिस थाना में मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि समन्वित कार्रवाई के तहत एफबीआई ने 50 से अधिक पीड़ितों से बातचीत की और 20 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के साक्ष्य भी एकत्र किए। इन साक्ष्यों को अदालत में पेश किया जाएगा। धालीवाल ने कहा कि अब तक आईएफएसओ द्वारा वीडियो कॉलिंग के जरिए अमेरिका के दो पीड़ितों की भी जांच की गई है।
उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान पार्थ अरमरकर उर्फ उत्तम ढिल्लों (28), युगांडा में चल रहे कॉल सेंटर के टीम लीडर वत्सल मेहता (29), कथित रूप से क्राइम सिंडिकेट हेड, दीपक अरोड़ा (45) और प्रशांत कुमार (45) के रूप में हुई है।