विश्वविद्यालयो की परंपरा तक्षशिला, नालंदा और विक्रमशिला जैसे संस्थानों से शुरू हुई : प्रो भालेराव

अजमेर। कोई भी देश तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक अपने इतिहास, अपनी संस्कृति, अपनी विरासत के प्रति गर्व करना नहीं जानता। भारत अपने समृद अतीत और ज्ञान से प्रेरित होकर 2024 में नई उचाइयों पर पहुँच चुका है। यह बात राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने 76वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान सभा को संबोधित करते हुए कही। भालेराव ने विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली।

उन्होंने आगे बताया कि हमारे पूर्वजों ने प्राचीन संस्कृति की नीव रखी जिनके मार्गदर्शन में वैभवशाली सभ्यता का विकास हुआ, जिनके संरक्षण में ज्ञान विज्ञान की अतुल संपदा विकसित हुई और जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास रचा।

विश्वविद्यालय की परंपरा तक्षशिला नालंदा और विक्रम शीला जैसे संस्थानों से शुरू हुई। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय भी राष्ट्र निर्माण में योगदान देने में तेजी से आगे बढ़ रहा है पिछले वर्ष 2024 में हमारे विश्वविद्यालय ने कई क्षेत्रों में बहुत अतुल्य प्रगति की है जैसे रिसर्च ग्रांट में बढ़ोतरी, स्मार्ट क्लासरूम का निर्माण, हॉस्टल्स में सोलर प्लांट, इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विज्ञान टेक्नोलॉजी और उद्यमिता में उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं को पुरस्कार देने की परंपरा, ओपन डिस्टेंस लर्निंग के अंतर्गत 7 विषयों में ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग की शुरुआत इत्यादि।

उन्होंने आगे बताया कि आने वाले 2 वर्षों में विश्वविद्यालय को ढाई सौ करोड रुपए की लागत से बनने वाले प्रोजेक्ट मिलेंगे जिनमें मुख्य रूप से लाइब्रेरी परिसर, हॉस्टल्स, सिंथेटिक कोट और स्मार्ट क्लासरूम शामिल हैं।

विश्वविद्यालय ने महापुरुषों और क्रांतिकारी नेताओं को उनके जन्मदिन में याद करने की संस्कृति शुरू की जिससे उनके योगदानों के लिए सम्मान को बढ़ावा मिला। युवा छात्रों को प्रेरित करने के लिए विश्वविद्यालय ने स्वामी विवेकानंद और कणाद से कलाम तक भारतीय वैज्ञानिकों का अनुसंधान में योगदान जैसे प्रभावशाली विषय पर प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया। हमारे पूर्वजों ने श्रद्धा और सबूरी का मंत्र दिया है और यह मंत्र हमारे विश्वविद्यालय में भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव अमरदीप शर्मा, संकाय सदस्‍यों, अधिकारियों, कर्मचारियों और छात्रों ने भाग लिया। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति भालेराव ने विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने गायन नृत्य व कविताओं की रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी।