पोर्ट माेरेस्बी। पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी और देश के दूसरे सबसे बड़े शहर ‘लाए’ में दंगा भड़कने और अशांति के कारण 15 लोगों की मौत हो गई है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि वेतन विवाद पर पुलिस की हड़ताल के बाद दुकानों और कारों में आग लगा दी गई और सुपरमार्केट लूट लिए गए। उन्होंने बताया कि बुधवार को पुलिस की अनुपस्थिति ने शहर के बाहरी इलाके के लोगों को दुकानों में तोड़फोड़ करने और बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित किया।
पापुआ न्यू गिनी में वेतन विवाद के अलावा बढ़ती महंगाई और उच्च बेरोजगारी के कारण भी बड़े पैमाने पर तनाव व्याप्त है। प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए इन घटनाओं के लिए माफी मांगी, लेकिन कहा कि अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जनता से कहा कि कानून तोड़ने से कुछ खास नतीजे नहीं मिलते।
देश में सैनिकों की तैनाती और पुलिस के फिर से ड्यूटी पर लौटने के बाद बुधवार शाम तक हिंसा की अधिकतर घटनाओं पर रोक लगा दी गयी थी। मारापे ने स्वीकार किया कि स्थिति अब भी तनावपूर्ण है। पोर्ट मोरेस्बी जनरल अस्पताल ने राजधानी में आठ मौतों की पुष्टि की है, जबकि लाए शहर में सात अन्य लोगों की मौत की सूचना मिली है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी के जिला गवर्नर पॉवेस पार्कोप ने बुधवार को एक रेडियो संबोधन में कहा कि हमने अपने शहर में अभूतपूर्व स्तर का संघर्ष देखा है, कुछ ऐसा जो हमारे शहर और हमारे देश के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि लूटपाट बड़े पैमाने पर ‘अवसरवादियों’ द्वारा की गई थी। यह भी दर्ज किया गया कि कुछ हिंसा पुलिस प्रदर्शनकारियों द्वारा की गयी थी।
हिंसा तब भड़की, जब पुलिस और अन्य सरकारी सेवकों ने अपने नवीनतम वेतन में 50 प्रतिशत तक की कटौती के विरोध में संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वेतन में कटौती एक कंप्यूटर गड़बड़ी के कारण हुई त्रुटि थी – जिसने लोक सेवकों के वेतन से 100 डॉलर तक की कटौती की थी। उन्होंने कहा कि अगले महीने के भुगतान में प्रशासनिक त्रुटि को ठीक कर लिया जाएगा।
लेकिन इस जवाब को कई प्रदर्शनकारियों ने स्वीकार नहीं किया और उनमें से कुछ ने संसद में घुसने की कोशिश की। फुटेज में प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री के परिसर के बाहर एक कार में आग लगाते और एक गेट को तोड़ते हुए दिखाया गया है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर यह प्रचारित किया कि सरकार आयकर बढ़ा रही है, जबकि इस दावे का सरकार ने खंडन किया है।
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार मारापे ने कहाकि सोशल मीडिया ने इस गलत जानकारी, गलत सूचना को प्रचारित किया। उन्होंने कहा कि लोगों ने पुलिस के सड़कों से दूर होने का फायदा उठाया है।