सिरसा। हरियाणा के सिरसा में चेक बाउंस के एक मामले में डबवाली कोर्ट ने मृतक प्रतिवादी पूर्व सरपंच के कानूनी उत्तराधिकारियों को 21 लाख रुपए मुआवजा देने का फैसला सुनाया है। उक्त राशि तीन माह के भीतर वादी को देनी होगी।
मामले के अनुसार गांव कालुआना निवासी विनोद कुमार की गांव के पूर्व सरपंच जगदेव कुमार से अच्छी जान पहचान थी। जगदेव कुमार ने 21 जुलाई 2012 को विनोद से आठ लाख रुपये उधार मांगे और जल्द ही ये राशि वापस लौटाने का वादा किया। गत छह अगस्त 2012 को विनोद ने उक्त राशि अपने बैंक खाते से जगदेव कुमार के खाते में डाल दी। जगदेव ने ब्याज सहित उक्त राशि लौटाने की बात कही थी। मार्च 2017 को जगदेव ने एक चेक जारी कर दिया। अक्टूबर 2017 में उसकी मृत्यु हो गई।
विनोद ने जगदेव के कानूनी उत्तराधिकारी उसकी पत्नी गीता देवी, पुत्र व पुत्री को पार्टी बनाकर 12 सितंबर 2018 को डबवाली कोर्ट में केस दायर कर दिया। एक सितंबर 2023 को इस मामले का निपटारा करते हुए न्यायाधीश अमनदीप कुमार ने वादी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए प्रतिवादियों को 21 लाख रुपए मुआवजा देने का फैसला सुनाया। उक्त राशि में पांच लाख रुपए ब्याज राशि भी शामिल है।
वहीं, इस प्रकार के एक अन्य मामले में भी कोर्ट ने प्रतिवादी जगदेव कुमार के कानूनी उत्तराधिकारियों को 16 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। ये मामला गांव कालुआना निवासी ओमप्रकाश ने 12 सितंबर 2018 को कोर्ट में दायर किया था। जिसमें उसने बताया कि उसकी जगदेव कुमार से अच्छी पहचान थी।
जगदेव ने उससे 2013 से 2015 के बीच 26 लाख रुपए उधार लिए थे और फरवरी 2014 में उसने 14 लाख 20 हजार रुपए वापस कर दिए। उसने मार्च 2017 में एक चेक जारी कर दिया। अक्टूबर 2017 में उसका निधन हो गया। अब कोर्ट ने जगदेव के कानूनी उत्तराधिकारी उसकी पत्नी गीता देवी उसके पुत्र सुनील कुमार व पुत्री रेखा देवी को 16 लाख रुपये देने का आदेश दिया है।
जब इस संदर्भ में दिवंगत सरपंच जगदेव सिंह की पत्नि गीता देवी से बात की गई तो बताया कि इस फैसले में तथ्यों को छुपाया गया है। वे इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगी।