जयपुर। राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा है कि प्रदेश में व्यर्थ बहकर जाने वाले जल से बाढ़ सुरक्षा प्रबंधन के साथ जल के सदुपयोग के लिए रन ऑफ वाटर ग्रिड की स्थापना की जाएगी।
रावत इस बार प्रदेश में अच्छी बरसात होने की खुशी में शनिवार को प्रदेश भर में आयोजित राजस्थान जल महोत्सव के तहत जयपुर जिले के नेवटा में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस कार्य पर 30 हजार करोड़ रुपए व्यय होंगे। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं जल का सदुपयोग करना हम सभी की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की के नेतृत्व वाली हमारी सरकार ने इस पर कार्य करना शुरु कर दिया है।
उन्होंने कहा कि जल झूलनी एकादशी के दिन पूरे राज्य में ग्राम पंचायत, ब्लॉक एवं जिला स्तर पर आयोजित राजस्थान जल महोत्सव कार्यक्रम के आयोजन के माध्यम से जल के महत्व एवं जल संरक्षण पर जागरूकता से जन-जन की भागीदारी को सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश के पूर्ण भरे जलाशयों एवं 385 बांधों पर जल महोत्सव का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में जन प्रतिनिधियों एवं आमजन ने भाग लिया तथा जल देवता की पूजा अर्चना की।
रावत ने कहा कि शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार ने किसानों एवं आमजन के लिए सिंचाई एवं पेयजल को प्राथमिकता देते हुए ईआरसीपी जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू किया है। इसमें पार्वती- कालीसिंध-चंबल नदी के अधिशेष जल को प्रदेश के 21 जिलों में सिंचाई एवं पेयजल के लिए उपयोग में लाया जाएगा। वहीं शेखावाटी क्षेत्र में यमुना जल को लाने के लिए कार्य भी शुरू किया गया है। ईआरसीपी से जयपुर जिला भी जुड़ेगा, इसका लाभ यहां की जनता को भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष मानसून ने राजस्थान पर विशेष कृपा की है और अच्छे मानसून के कारण प्रदेश के बांध कुल भराव क्षमता के 84.88 प्रतिशत तक भर चुके हैं। प्रदेश में 385 बांध पूर्ण भरकर और ओवरफ्लो हुए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक सामान्य से 63.71 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। कार्यक्रम में जल का विवेकपूर्ण उपयोग कर व्यर्थ नहीं बहाने तथा जल को प्रदूषित नहीं करने सहित स्वच्छता की शपथ दिलाई गई।
इससे पहले सुरेश रावत ने इससे पहले नेवटा गांव के शिव मंदिर में जलाभिषेक किया तथा कलश पूजन कर गांव की महिलाओं को कलश देकर मंदिर से नेवटा बांध तक कलश यात्रा को रवाना किया।