बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में जयपुर में सर्वसमाज का प्रदर्शन

जयपुर। बांग्लादेश में पिछले छह महीनों से हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार, लूटपाट और नरसंहार की घटनाओं के विरोध में सर्व हिंदू समाज ने जयपुर में प्रदर्शन किया। बांग्लादेश स्थित इस्कॉन मंदिर के संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से हिंदू समाज के आक्रोश को और बढ़ा दिया है।

जयपुर के बड़ी चौपड़ पर आयोजित प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं, युवाओं और साधु-संतों ने भाग लिया। इस दौरान वक्ताओं ने हिंदू समाज से जातिगत भेदभाव से ऊपर उठकर एकजुट होने और अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का आह्वान किया। साधु-संतों ने मंच से कहा कि हमें विधर्मी समाज के झूठे भाईचारे से सावधान रहना होगा। यदि हम बंटे रहेंगे तो कमजोर हो जाएंगे, लेकिन एकजुट रहकर ही हम सशक्त बन सकते हैं।

प्रदर्शन के दौरान जय श्रीराम के नारे गूंजते रहे और उपस्थित लोगों ने हाथों में “हिंदू एकता” के संदेश लिखी तख्तियां और भगवा ध्वज लहराए। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।

आचार्य गिरधर स्वामी ने महात्मा गांधी की अहिंसा नीति की आलोचना करते हुए कहा कि नोआखली के नरसंहार से लेकर अब तक एक करोड़ हिंदुओं की हत्या हो चुकी है। यह गांधी की अहिंसा नीति का परिणाम है। आज बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है, और हम रामगंज मार्केट में भजन संध्या तक नहीं कर सकते। जब तक हम सरकारों पर निर्भर रहेंगे, अत्याचार बंद नहीं होंगे।

मंच से बोलते हुए राजपूत सभा के अघ्यक्ष राम सिंह चंदलाई ने कहा बांग्लादेश की सरकार को हिन्दूओं पर हो रहे अत्याचार का कड़ाई से रोकना चाहिए , अक्षय पात्र के रघुपति दास ने कहा दुनिया के लोग बांग्लादेश पर दबाव डालें जिससे बांग्लादेश में हिन्दू समाज की सुरक्षा हो सकें।

महंत विष्णु नागा ने बांग्लादेश की में हिन्दूओं पर हो रहे अत्याचार के लिए वामपंथी और इस्लामी कट्टरपंथी समुदाय को जिम्मेदार ठहराते हुए एकजुट रहने की सलाह दी। सिंधी समाज के चंद्रप्रकाश खेतानी ने बांग्लादेश की घटनाओं पर दुःख प्रकट करते हुए वैश्विक संगठनों के रवैये पर चिंता जाहिर की। सिख समाज के सरदार जसवीर सिंह इस्कान संत की गिरफ्तारी को अलोकतान्त्रिक बताते हुए कहा वैश्विक संगठनों इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।

गालव आश्रम के राघवेंद्र आचार्य इस्कान संत चिन्मय कृष्ण की रिहाई के लिए दुनिया भर में अभियान चलाने की बात कहते हुए कहा हमें यह भ्रम नहीं पालना चाहिए हम बहुसंख्यक है तो सुरक्षित हैं, हम जहां बहुसंख्यक है वहां भी दुखी है।

जनप्रतिनिधि गोपाल शर्मा ने बांग्लादेश की सरकार को बेनकाब करते हुए कहा सरकार का चेहरा भले ही उदारवादी हो लेकिन वास्तविकता में कमान जमात ए इस्लामिया और फौजी हुक्मरानों के हाथों में है। इसलिए हिन्दूओं पर अत्याचार, नरसंहार की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। समय रहते बांग्लादेश को अपने तेवर बदल लेने चाहिए। इसी में उसकी भलाई है।

प्रदर्शन में वाल्मीकि समाज के सत्यनारायण डेनवाल, गुर्जर समाज के देवनारायण गुर्जर, माली समाज के रोशन सैनी, जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल, मनीष दास महाराज, अमरनाथ महाराज, महंत राजेश दास ने भी संबोधित किया। सभी ने एकजुटता पर जोर देते हुए संगठित होने का आव्हान किया साथ ही केन्द्र सरकार से संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार परिषद में इस विषय को रखने और बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाने की सरकार से मांग की।

मंच से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संयुक्त राष्ट्र महासचिव के नाम भेजे गए ज्ञापन को पढ़ा गया। ज्ञापन में बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता आर हिन्दूओं की रक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है। प्रदर्शन समापन पर सामूहिक संगीतमय हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।