एसपीसीजीसीए में विकसित भारत युवा संसद का समारोहपूर्वक समापन

अजमेर। सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में दो दिवसीय विकसित भारत युवा संसद का गुरुवार को समापन हुआ। इस मौके पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता प्राचार्य प्रोफेसर मनोज बहरवाल ने की।

प्रोफेसर मनोज बहरवाल ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से इस विषय पर निर्मित समिति में समारोह के मुख्य अतिथि उपमहापौर नीरज जैन सदस्य हैं। प्राचार्य ने सभी निर्णायक गणों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

मुख्य अतिथि नीरज जैन ने कहा कि परिवर्तन समय के साथ आवश्यक है। सन 1967 तक एक चुनाव की प्रणाली प्रभावी थी बाद में राजनीतिक कारणों से परिवर्तित हुई। राष्ट्रपति कोविंद ने इस विषय पर राजनीतिक दलों से चर्चाएं भी की। देश के 32 से ज्यादा राजनीतिक दलों ने इस प्रणाली के पक्ष में कहा है। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष होने वाले चुनाव मानवीय एवं मुद्रा खर्च साबित होते हैं। स्थानीय विकास के काम आचार संहिता के कारण अवरुद्ध हो जाते हैं। अनुच्छेद 368 में उपचुनाव के संबंध में संशोधन की आवश्यकता है।

उन्होंने बताया कि एक देश एक चुनाव प्रणाली लागू होने पर प्रशासनिक तंत्र जन कल्याण के लिए अधिक मुक्त रहता है। उन्हें निर्णय के क्रियान्वयन के लिए अधिक समय मिलता है।

इससे पूर्व कार्यक्रम के प्रथम चरण में 20 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता निभाई। प्रतिभागियों ने विषय के पक्ष में अधिक मत प्रस्तुत किए। एक देश एक चुनाव के सभी पहलुओं आर्थिक, सामाजिक व राजनीति के संबंध में अपने विचार प्रस्तुत किए।

संजय शर्मा ने सामाजिक सरोकार, सामाजिक समरसता व दैनिक जीवन में आने वाली जटिलताओं व कुरीतियों के संबंध में विचार प्रकट किए साथ ही सूक्ष्म बातों को दृष्टांत के माध्यम से विद्यार्थियों को समझाया।

शिल्पा कच्छावा ने छात्राओं को भी युवा संसद में अधिक से अधिक सहभागी बनने का आह्वान किया ताकि उनमें अकादमिक, सामाजिक जागरूकता के साथ संवैधानिक जागरूकता भी आए।

डॉ सुनील वर्मा ने बताया की युवाओं में व्याप्त प्रतिभा को प्रदर्शित करने के लिए सरकार ऐसे मंच उपलब्ध करवाती हैं। एक देश एक चुनाव से लोक लुभावन योजनाएं कम होगी। साथ ही क्षेत्रीय दलों की भागीदारी कम हो जाएगी। उन्होंने बताया कि जब गांव का एक आदमी एक ही दिन में वार्ड पंच एवं सरपंच के दो वोट दे सकता है तो एक देश एक चुनाव पढ़े-लिखे भारत के लिए संभव है।

डॉ गिरीश सिंह ने बताया कि एक देश एक चुनाव प्रणाली को लागू करने से ईवी एम को खरीदने का खर्च कम आएगा आर्थिक रूप से पूरे देश को फायदा होगा तथा 2047 के सपने का माध्यम बनेगा। भारत का स्वर्णिम काल वापस आता हुआ नजर आएगा इसी के साथ सभी ने युवाओं को बेबाक विचारों को प्रस्तुत करने के लिए बधाई दी।