अजमेर। नगर निगम व क्रीडा भारती अजयमेरु की ओर से आयोजित सम्राट पृथ्वीराज चौहान खेल महाकुम्भ-2024 का शुभारम्भ रविवार को स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा के द्वारा किया गया।
मंत्री खर्रा ने कहा कि आज 1857 की क्रांति के संथाल परगना में हुए हूल दिवस के योद्धाओं को याद करने का दिन है। साथ ही सम्राट पृथ्वीराज चौहान की वीरता की याद दिलाता खेल महाकुम्भ हमें हमारी जड़ों से जोड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में भी ओलम्पिक खेलों की पदक तालिका में भारत की उपलब्धियां बढ़ाने के लिए खिलाड़ियों को तैयारी करने तथा देशवासियों को उत्साहवर्धन करने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत स्वस्थ्य भारत को प्रेरणा पुंज मानकर आगे बढ़ते हुए प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए खेल खेलने चाहिए। स्वस्थ व्यक्ति पहले राष्ट्र की उन्नति फिर मानव, समाज, परिवार तथा उसके पश्चात् स्वयं की उन्नति के बारे में सोचेगा। इसकी तुलना में अस्वस्थ व्यक्ति देश की उन्नति को नकारात्मक दिशा में प्रभावित करेगा। अतिरिक्त शारीरिक ऊर्जा का शमन खेलकूद में किया जाना चाहिए। इसके अभाव में यह ऊर्जा नकारात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगी। खेल को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ खेलें।
उन्होंने कहा कि वर्तमान मानसून में परिवार के प्रत्येक सदस्य को अपनी मां के नाम से एक पेड़ लगना चाहिए। पेड़ लगाने के साथ-साथ उसका पालन पोषण मां की तरह करने का भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आह्वान किया है। पेड़ का लालन-पालन उसके सबल तथा सशक्त बनने तक करना होगा। यह कार्य कर्तव्य समझकर प्रतिवर्ष करने से पांच वर्षों के पश्चात गत 50 वर्षो के दौरान प्रकृति से किए गए असंतुलन की भरपाई हो पाएगी।
उन्होंने कहा कि हमें लोकल फॉर वॉकल को अपनाने की आवश्यकता है। खादी ग्रामोद्योग की ईकाईयां विश्व की सबसे बेहतरीन डेनिम बनाती है। यह डेनिम विदेशी कम्पनियां खरीदती है। इनकी डिजाइनरों द्वारा सिलाई करवाकर बहुराष्ट्रीय कम्पनियां अपना मार्का लगाती है। यह विदेशी मार्का लगा हुआ सिला डेनिम बहुराष्ट्रीय कम्पनियां भारत के बाजार में पुनः उतारती है। तब उनकी कीमत खादी ग्रामोद्योग ईकाई की कीमत से 50 गुनी तक बढ़ जाती है। इससे विदेशी मुद्रा का नुकसान तो होता ही है। साथ ही रोजगार भी अन्यत्र स्थानान्तरित हो जाता है। इससे बचने के लिए स्थानीय कारिगरों को निपुण करने की आवश्यकता है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मन की बात में अपने विचार व्यक्त किए है।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि सम्राट पृथ्वीराम चौहान खेल महाकुम्भ में तीरंदाजी को शामिल करना सम्राट पृथ्वीराज चौहान की वीरता को चिरस्थायी रखने में मील का पत्थर साबित होगा। हमें खेल को अपने जीवन का अंग बनाना होगा। बीमारियों से बचने के लिए आयु के अनुकूल नियमित खेल खेलने चाहिए। खेलों के माध्यम से मिली सकारात्मक ऊर्जा दैनिक कार्यों में भी प्रेरणा का कार्य करेगी। खेल भावना क्रीड़ा स्थल के साथ-साथ जीवन में भी होनी चाहिए। भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में खेल उपयोगी होंगें। अजमेर के इस मैदान से निकले खिलाड़ी देश का नाम रोशन करेगें।
राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रौन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत ने कहा कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान पर भारत में सर्वाधिक कार्यक्रम नगर निगम द्वारा किए जाते हैं। यह खेल महाकुंभ कोई प्रतियोगिता नहीं होकर सम्राट पृथ्वीराज चौहान को याद करने का अवसर है। इसी सोच के साथ चन्दरवरदायी नगर में खेल नगर बनाया गया था। इसमें विभिन्न दलों द्वारा किया गया प्रत्येक लक्ष्य भेदन सम्राट पृथ्वीराज चौहान की याद दिलाएगा।
नगर निगम के उपमहापौर नीरज जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा खेलो इण्डिया जैसै कार्यक्रम आरम्भ करने से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में भारत की दमदार उपस्थित दिखने लगी है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सम्राट पृथ्वीराज चौहान खेल महाकुम्भ आरम्भ किए गए। प्रारम्भ में 6 खेल शामिल थे। उन्हें फिर 12 किया गया। इस तृतीय खेल महाकुम्भ में 19 खेल खेले जांएगे।
इनमें कब्बड़ी, वॉलीबॉल, शतरंज, बैडमिण्टन, हॉकी, निशानेबाजी, बास्केटबॉल, तीरंदाजी, टेबल टेनिस, खो-खो, मुक्केबाजी, साइकलिंग, तैराकी, योगासन एवं स्कैटिंग शामिल है। अब तक 4 हजार से अधिक खिलाड़ी पंजीकृत हो चुके हैं। खिलाड़ी देश का सम्मान और गौरव अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में विजयी होकर भारत के राष्ट्रगान के साथ बढ़ाता है। नगर निगम के आयुक्त देशल दान ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
सम्राट पृथ्वीराज चौहान खेल महाकुंभ-2024 का शुभारम्भ मशाल प्रज्जवलित कर किया गया। नगर निगम तथा प्रतियोगिता के ध्वज का ध्वजारोहण हुआ। खेल महाकुंभ आरम्भ करने की घोषणा की गई। फुटबॉल के उद्घाटन मैच से शुभारम्भ हुआ। महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों ने योग मुद्रा नृत्य किया। आनासागर झील, कुएं एवं बावड़ियों के जल संरक्षण पर किए गए प्रयासों की पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।