नई दिल्ली। संजय कुमार सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। वह लम्बे समय तक महासंघ पर राज करने वाले बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं।
गुरुवार को हुए मतदान में संजय सिंह को कुल 47 में से 40 मत प्राप्त हुए। उनका मुकाबला अनीता श्योराण से था। अनीता ने कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और उन्हें बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन करने वाले पहलवानों का समर्थन प्राप्त था। हालांकि अनीता हार से निराश नहीं क्योंकि उनके खेमे के प्रेम चंद लोचब महासचिव बने। उन्होंने इस पद पर हुए चुनाव में दर्शन लाल को 27-19 से हराया है।
कुश्ती महासंघ के चुनाव में अहम बात यह है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को भी उपाध्यक्ष पद पर हार का सामना करना पड़ा है। अध्यक्ष पद के अलावा चार वरिष्ठ उपाध्यक्षों, चार उपाध्यक्षों, एक महासचिव, एक कोषाध्यक्ष और दो संयुक्त सचिवों का चुनाव कराया गया। इसके अलावा पांच कार्यकारी सदस्यों को भी चुने गए।
उल्लेखनीय है कि बृज भूषण शरण सिंह 12 साल से लगातार कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बने हुए थे। इस साल की शुरुआत में ही महिला पहलवानों ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इस मामले में भाजपा सांसद के खिलाफ दिल्ली पुलिस जांच भी कर रही है। इसी के चलते बृजभूषण को पद से हटना पड़ा और यह तय हुआ था कि वह खुद या उनके परिवार या रिश्तेदारी का कोई सदस्य भी चुनाव में नहीं लड़ेगा।
संजय सिंह पहले उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वर्ष 2019 में भारतीय कुश्ती संघ की कार्यकारी कमिटी में संयुक्त सचिव चुने गए थे। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले हैं। वह 2008 में वाराणसी कुश्ती संघ के जिला अध्यक्ष बने। उन्हें बृजभूषण सिंह का करीबी सहयोगी भी माना जाता है।
चुनाव जीतने के बाद संजय सिंह ने कहा कि अब राष्ट्रीय शिविर (कुश्ती के लिए) आयोजित किए जाएंगे। जो पहलवान राजनीति करना चाहते हैं वे राजनीति कर सकते हैं, जो कुश्ती करना चाहते हैं वे कुश्ती करेंगे।