सावित्री बाई फुले की 128वीं पुण्यति​थि पर होगा पुष्पांजलि आयोजन

अजमेर। भारत की पहली शिक्षिका व महान समाज सुधारक माता सावित्रीबाई फुले की 128वीं पुण्यतिथि सोमवार 10 मार्च को मनाई जाएगी। उन्हें महिलाओं के लिए काम करने के लिए जाना जाता है।

सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय जागृति मंच की ओर से इस अवसर पर पुष्पांजलि का आयोजन होगा। संस्था अध्यक्ष सुनीता चौहान ने ज्योतिबा फूले सर्किल पर सुबह 10 बजे से होने वाले श्रद्धांजलि कार्यक्रम में समाज बंधुओं, मातृशक्ति से अधिकाधिक संख्या में शिरकत करने की अपील की है।

उन्होंने बताया कि सावित्री बाई फुले ने अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने समाज में व्याप्त कई सामाजिक बुराइयों जैसे अस्पृश्यता और बाल विवाह के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी।

सन 1840 में मात्र 9 वर्ष की उम्र में सावित्रीबाई फुले का विवाह 12 वर्ष के ज्योतिराव फुले के साथ हुआ। वे बहुत बुद्धिमान, क्रांतिकारी, भारतीय विचारक, समाजसेवी, लेखक एवं महान दार्शनिक थे। उन्होंने अपना अध्ययन मराठी भाषा में किया था।

महिला अधिकार के लिए संघर्ष करके सावित्रीबाई ने जहां विधवाओं के लिए एक केंद्र की स्थापना की, वहीं उनके पुनर्विवाह को लेकर भी प्रोत्साहित किया। उस समय जब लड़कियों की शिक्षा पर सामाजिक पाबंदी बनी हुई थी, तब सावित्रीबाई और ज्योतिराव ने वर्ष 1848 मात्र 9 विद्यार्थियों को लेकर एक स्कूल की शुरुआत की थी।

सावित्रीबाई फुले भारत की ऐसी पहली महिला शिक्षिका थीं, जिन्हें दलित लड़कियों को पढ़ाने पर लोगों द्वारा फेंके गए पत्थर और कीचड़ का सामना करना पड़ा। ऐसी महान हस्त‍ी सावित्रीबाई फुले का पुणे में लोगों का प्लेग के दौरान इलाज करते समय वे स्वयं भी प्लेग से पीड़ित हो गईं और उसी दौरान 10 मार्च 1897 को उनका निधन हो गया था।