अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में प्रसिद्ध सावन झूला महोत्सव आज से शुरू हो गया। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि मणिपर्वत से शुरू हो रहे सावन झूला मेला श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन तक चलेगा। बारह दिनों तक चलने वाला सावन झूला मेले का मुख्य केन्द्र मणिपर्वत रहता है। इस दौरान रामजन्मभूमि, कनक भवन समेत रामनगरी के दो हजार से अधिक मंदिरों से भगवान श्रीराम निकलकर मणिपर्वत पर झूला झूलने आते हैं। मणिपर्वत मेेले में लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से भीड़ नियंत्रण व सुरक्षा का प्लान तैयार किया गया है।
उन्होंने बताया कि मणिपर्वत मेले में लाखों श्रद्धालु आते हैं, ऐसे में टीले पर विराजमान भगवान सीताराम के दर्शन समूह में करना खतरा भरा होता है। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा मणिपर्वत तक काफी हद तक मरम्मत करायी जा चुकी है। खतरे जैसी कोई स्थिति नहीं है। उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र को सात जोन में बांट कर सुरक्षा के लिए मजिस्ट्रेटों की तैनाती कर दी गयी है तथा बैरियर को भी चिन्हित स्थानों पर लगा दिया गया है एवं सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस बल की भी तैनाती की गई है।
नगर निगम अयोध्या के महापौर गिरीशपति त्रिपाठी ने बताया कि इस वर्ष विद्याकुण्ड अयोध्या में मणि पर्वत पर मणि महोत्सव का भी आयोजन हुआ है। उन्होंने बताया कि श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन आज मणिपर्वत विद्याकुण्ड में मणि महोत्सव के आयोजन में सांस्कृतिक संध्या के भी कार्यक्रम सम्पन्न हुए। इस कार्यक्रम में नगर निगम के आयुक्त विशाल सिंह सहित कई पदाधिकारी, भाजपा नेता एवं श्रद्धालु उपस्थित थे।
उन्होंने बताया कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर व्यवस्था देना हमारी प्रतिबद्धता है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सुविधा तथा भीड़ नियंत्रण के लिए प्रवेश से लेकर निकासी मार्ग तक पांच बैरियर लगाये जा रहे हैं। भीड़ बढऩे की स्थिति में बैरियर की संख्या बढ़ाई जा सकती है। मणिपर्वत पर जत्थे में श्रद्धालुओं को भेजा जा रहा है तथा उनके उतरने के बाद दूसरा जत्था जायेगा। उन्होंने बताया कि एक बार में 15 से 20 श्रद्धालु को भेजा जाएगा।
श्रद्धालु मणिपर्वत के प्रवेश मार्ग से टीले पर जाएंगे, फिर दर्शन-पूजन के बाद टीले के पीछे के रास्ते से मनमुनि कुंड होते हुए वापस मुख्य मार्ग पर आएंगे। अयोध्या में प्रारम्भिक सावन मेला होता है जो मणिपर्वत पर भगवान के प्रमुख विग्रहों पर अपने-अपने मंदिर से लेकर श्रद्धालु आते हैं और झूलनोत्सव में श्रद्धालु लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि अति संवेदनशील और संवेदनशील स्थानों पर मजिस्ट्रेटों की तैनाती करके पुलिस बलों की तैनाती की गई है।