जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने नई पीढी में स्वदेशी की भावना के साथ वैज्ञानिक सोच को विकसित करने की जरुरत बताते हुए कहा है कि बच्चों को राष्ट्र के महान वैज्ञानिकों के जीवनी और उनके द्वारा किए गए आविष्कारों का अध्ययन करना चाहिए।
देवनानी बुधवार को यहां शास्त्री नगर स्थित रिजनल साईंस सेन्टर और साईंस पार्क में विज्ञान भारती द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमे अपने समृद्ध पुरातनकाल का स्मरण रखना होगा जहां पुष्पक विमान, युद्ध का आंखों देखा हाल और गणेशजी के हाथी का मुंह लगाने का उल्लेख है। यह सब भारत की समृद्ध विज्ञान के परिचायक है।
देवनानी और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने विज्ञान के क्षेत्र में विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट रहें छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। देवनानी ने कहा कि विज्ञान दिवस हमारे वैज्ञानिक सोच के साथ राष्ट्र के विकास का उत्सव है। उन्होंने कहा कि जीवन स्तर को उंचा उठाने के लिए वैज्ञानिक तकनीक को विकसित करें।
भारत को आत्म निर्भर बनाने वाले आविष्कार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। हमें उन्हें आगे बढाने की जरूरत है। ऐसा कार्य करें, जो हमारे राष्ट्र में प्रगति की सोच के अनुरूप हो साथ ही वे कार्य लोगों के जीवन को खुशहाल बना सकें।
उन्होंने कहा कि बच्चों के द्वारा किए गए नवाचारों को समाज के सामने लाएं। उनके द्वारा बनाये गये मॉडल्स को बडे उद्योगों को दिखाए ताकि उनका सदुपयोग राष्ट्र के लिए हो सकें। ऐसी वैज्ञानिक दृष्टि से कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे भारत विश्व की प्रथम महाशक्ति बन सकें। महोत्सव का मूल्यांकन अवश्य करें।
इस अवसर पर दिलावर ने कहा कि अनादिकाल से हमारे देश का विज्ञान आगे रहा है। उन्होंने विज्ञान की प्रतिभाओं को निखारने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में शोध करने के लिए लोग आगे आए।