बदायूं। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आंनदीबेन पटेल को सम्मन भेजने वाले बदायूं के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) न्यायिक विनीत कुमार को निलंबित कर दिया गया है।
अधिकृत सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि सदर तहसील क्षेत्र में गांव लौड़ा बहेड़ी की जमीन अधिग्रहण के एक मामले में राज्यपाल को अपने कोर्ट में उपस्थित होने का सम्मन भेजने वाले सदर तहसील के एसडीएम (न्यायिक) विनीत कुमार को शासन ने बीती रात निलंबित कर दिया है। एसडीएम के निलंबन का आदेश प्राप्त होने के पश्चात डीएम बदायूं ने एसडीएम न्यायिक के पेशकार बदन सिंह को भी निलंबित कर दिया। इस मामले में पिछले दिनों प्रमुख सचिव ने जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की थी।
उन्होने बताया कि एसडीएम विनीत कुमार की कोर्ट से सात अक्तूबर को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नाम से धारा 144 रा.स. के तहत सम्मन जारी कर उन्हें 18 अक्तूबर को कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया था।
10 अक्तूबर को सम्मन राजभवन पहुंचा तो राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह द्वारा 16 अक्तूबर को डीएम मनोज कुमार को पत्र भेज कर चेतावनी जारी की गई जिसमें उल्लेख किया गया कि संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ कोई संबंध या नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है। राज भवन से जारी पत्र में इसे संविधान के अनुच्छेद 361 का उल्लंघन मांगते हुए इस पर घोर आपत्ति दर्ज कराई गई थी।
विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह ने जिलाधिकारी बदायूं मनोज कुमार से हस्तक्षेप कर नियमानुसार पक्ष रखने व नोटिस जारी करने वाले अधिकारी के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने और इसकी जांच रिपोर्ट शासन को भेजने के निर्देश जारी किए थे।
जिलाधिकारी बदायूं मनोज कुमार ने बताया कि उनके द्वारा इस मामले की रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी गई थी। उन्होंने बताया कि इस मामले की रिपोर्ट पहुंचने के बाद बुधवार को शासन ने एसडीएम विनीत कुमार को निलंबित कर दिया है। उन्होने बताया कि मामला गंभीर और घोर लापरवाही का था, इसलिए शासन द्वारा एसडीएम बिनीत कुमार को निलंबित कर दिया है। डीएम ने एसडीएम न्यायिक कोर्ट के पेशकार बदन को भी निलंबित कर दिया।